LK Advani: प्रधानमंत्री ने भारत रत्न एल के आडवाणी को दी जन्मदिन की शुभकामनाएं, सीएम नीतीश ने भी दी बधाई,98 साल के हुए भारत के पूर्व उपप्रधानमंत्री

LK Advani: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को भारत रत्न एवं बीजेपी के मार्गदर्शक मंडल के प्रमुख सदस्य लालकृष्ण आडवाणी को जन्मदिन की मुबारकबाद पेश करते हुए उन्हें “दूरदर्शी, विद्वान और सच्चे स्टेट्समैन” के ख़िताब से नवाज़ा।

प्रधानमंत्री ने भारत रत्न एल के आडवाणी को दी जन्मदिन की शुभकामनाएं,- फोटो : social Media

LK Advani: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने  भारत रत्न एवं बीजेपी के मार्गदर्शक मंडल के प्रमुख सदस्य लालकृष्ण आडवाणी को जन्मदिन की मुबारकबाद पेश करते हुए उन्हें “दूरदर्शी, विद्वान और सच्चे स्टेट्समैन” के ख़िताब से नवाज़ा। आठ नवंबर को 98 वर्ष के होने के अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आडवाणी का पूरा जीवन मुल्क की तरक़्क़ी, विकास और लोकतांत्रिक मूल्यों की हिफ़ाज़त के लिए समर्पित रहा है। पीएम मोदी के शब्दों में 'आडवाणी जी ने निस्वार्थ कर्तव्य, समर्पण और अटल सिद्धांतों को सदैव अपनाया। उनका योगदान भारत के लोकतांत्रिक और सांस्कृतिक परिदृश्य पर अमिट छाप छोड़ चुका है। ईश्वर उन्हें स्वस्थ और दीर्घायु रखें।'

बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने आडवाणी को शुभकामनाएं देते हुए एक्स पर लिखा है कि 'देश के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उप प्रधानमंत्री आदरणीय श्री लालकृष्ण आडवाणी जी के जन्मदिन पर उन्हें हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। उनके स्वस्थ एवं सुदीर्घ जीवन की कामना है।'  

देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से आडवाणी को वर्ष 2024 में नवाज़ा गया। इससे पहले वर्ष 2015 में उन्हें पद्म विभूषण प्रदान किया गया था। भारतीय राजनीति के इतिहास में वे सबसे लंबे समय तक भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे और यहीं से उनकी पहचान एक मज़बूत संगठनकर्ता, विचारक और नीति निर्धारक के तौर पर स्थापित हुई। केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में उनके सख़्त फैसले आज भी भारतीय सुरक्षा ढांचे में एक मील का पत्थर माने जाते हैं।

लालकृष्ण आडवाणी का सफ़र कराची से दिल्ली तक सियासी इतिहास की एक दिलचस्प दास्तान है। 8 नवंबर, 1927 को कराची में एक हिंदू सिंधी परिवार में जन्मे आडवाणी के पिता किशनचंद आडवाणी एक प्रतिष्ठित उद्यमी थे, जबकि मां ज्ञानी देवी संस्कार और पारिवारिक मूल्यों की प्रतिमूर्ति मानी जाती थीं। आडवाणी की प्रारम्भिक तालीम कराची के सेंट पैट्रिक हाई स्कूल में हुई। बाद में उन्होंने हैदराबाद (सिंध प्रांत) के डीजी नेशनल स्कूल में दाखिला लिया, जहां से उनका वैचारिक और बौद्धिक विकास नई दिशा की ओर बढ़ा।

आज, 98 वर्ष की उम्र में भी आडवाणी की राजनीतिक विरासत भारतीय लोकतंत्र की रूह में दर्ज है संगठन निर्माण, राष्ट्रवाद की विचारधारा, और जनता से जुड़ाव की मिसाल के तौर पर। यही वजह है कि प्रधानमंत्री से लेकर आम कार्यकर्ताओं तक, हर कोई उनके जीवन को सेवा, समर्पण और सिद्धांत की सुनहरी मिसाल मानता है।