India: भारतीय जहाज़ों पर रॉकेट अटैक, हमलावर कौन? अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में मची अफरातफरी
भारत के गुजरात के कच्चे तेल टर्मिनल सिक्का से दक्षिण अफ्रीका के डरबन बंदरगाह की ओर जा रहे टैंकर पर गोलियों और रॉकेट-चालित ग्रेनेड की बारिश हुई....
India: हिंद महासागर से एक सनसनीखेज खबर ने अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार मार्गों में हलचल मचा दी है। भारत के गुजरात के कच्चे तेल टर्मिनल सिक्का से दक्षिण अफ्रीका के डरबन बंदरगाह की ओर जा रहा माल्टा-ध्वजित एक टैंकर सोमालिया के तट के पास गोलियों और रॉकेट-चालित ग्रेनेड (RPG) की बारिश में घिर गया। वही समुद्री इलाका, जिसे कभी दुनिया के सबसे खतरनाक सोमाली समुद्री डाकुओं का केंद्र माना जाता था, एक बार फिर सक्रियता के संकेत दे रहा है।
ब्रिटेन के Maritime Trade Operations Centre ने हमले की पुष्टि करते हुए क्षेत्र में हाई अलर्ट जारी कर दिया। निजी सुरक्षा कंपनी एम्ब्रे ने कहा कि हमला जारी था और प्रारंभिक साक्ष्यों से लगता है कि यह कार्रवाई सोमाली समुद्री डाकुओं द्वारा की गई। रिपोर्ट के अनुसार, हमलावर एक ईरानी मछली पकड़ने वाले जहाज को संचालन केंद्र के रूप में इस्तेमाल कर रहे थे, जिसे उन्होंने कथित रूप से कब्ज़ा कर लिया था। हालांकि ईरान ने ऐसी किसी नाव की जब्ती की पुष्टि से इनकार किया है।
हमले का निशाना बना जहाज ‘हेलास एफ्रोडाइट’ से मेल खाता बताया जा रहा है, जिसने हमले के समय अचानक दिशा बदल दी और अपनी गति घटा दी थी। जहाज के मालिकों और प्रबंधन से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। निजी समुद्री सुरक्षा फर्म डायप्लस ग्रुप ने जानकारी दी कि टैंकर में 24 नाविक सवार थे और सभी ने हमले के दौरान सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत खुद को जहाज के ‘सिटाडेल’ (सुरक्षा कक्ष) में बंद कर लिया। जहाज पर कोई सशस्त्र सुरक्षा दल तैनात नहीं था।यूरोपीय संघ का ‘ऑपरेशन अटलांटा’, जो अफ़्रीका के हॉर्न क्षेत्र में समुद्री डकैती रोधी मिशन चलाता है, हाल में क्षेत्र में समुद्री डाकुओं की नई सक्रियता को लेकर चेतावनी जारी कर चुका था। मिशन ने कहा था कि सोमालिया के नज़दीक एक समुद्री डाकू समूह सक्रिय है और क्षेत्र में हमले होना “लगभग निश्चित” है। इसी इलाके में हाल के दिनों में कुछ और हमलों की रिपोर्टें दर्ज की गईं, जिन पर ‘ऑपरेशन अटलांटा’ ने प्रतिक्रिया भी दी है।
पिछले कुछ वर्षों में अंतरराष्ट्रीय नौसैनिक निगरानी बढ़ने से सोमाली समुद्री डकैती में भारी कमी आई थी। लेकिन 2023-24 में हालात यहां तेजी से बदल रहे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक दो कारण प्रमुख हैं—
यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा लाल सागर मार्ग में हमले, जो इज़राइल-हमास युद्ध के बाद और तेज हुए। इससे क्षेत्र में असुरक्षा पैदा हुई और जहाजों ने वैकल्पिक रास्तों का प्रयोग शुरू किया, इन्हीं में से कई मार्ग सोमालिया के समीप से गुजरते हैं।
सोमालिया में लंबे समय से चल रहा राजनीतिक अस्थिरता का माहौल, जिससे समुद्री सुरक्षा के प्रयास कमजोर हुए हैं।समुद्री व्यापार सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि समुद्री डाकुओं ने पुराने तरीकों को फिर से अपनाया हैमछली पकड़ने वाली छोटी नावों को कब्ज़े में लेकर उन्हें ‘मदरशिप’ की तरह इस्तेमाल करना, बड़े जहाजों का पीछा करना और तेज़-गति वाले स्किफ़ों से आरपीजी और ऑटोमैटिक गन का इस्तेमाल करना।
हिंद महासागर-लाल सागर-अदन की खाड़ी दुनिया की सबसे व्यस्त व्यापारिक लाइनों में से एक है। कच्चे तेल, गैस, रसायन, खाद्य सामग्री और कंटेनर कार्गो का बड़ा हिस्सा इसी रास्ते जाता है। नई घटनाएँ बीमा दरों, जहाजों की सुरक्षा लागत और मार्ग बदलने की मजबूरी बढ़ा सकती हैं।अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन और नौसैनिक गठबंधन आने वाले दिनों में अतिरिक्त गश्त बढ़ा सकते हैं। लेकिन सुरक्षा विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं अगर यह ट्रेंड जारी रहा, तो समुद्री व्यापार को बड़ी आर्थिक मार झेलनी पड़ सकती है।