Stampede in temple:अवसानेश्वर मंदिर में भगदड़, दो की मौत, 47 घायल, करंट बना काल, श्रद्धा बनी चीख ,
Stampede in temple: अवसानेश्वर महादेव मंदिर में सोमवार तड़के एक टूटे बिजली के तार ने श्रद्धा की भीड़ को मौत की दौड़ में बदल दिया।....
Stampede in temple:उत्तराखंड के मनसा देवी मंदिर में भगदड़ की त्रासदी के ठीक एक दिन बाद उत्तर प्रदेश के बाराबंकी से एक और दहलाने वाली घटना सामने आई है। यहां हैदरगढ़ कोतवाली क्षेत्र में स्थित अवसानेश्वर महादेव मंदिर में सोमवार तड़के एक टूटे बिजली के तार ने श्रद्धा की भीड़ को मौत की दौड़ में बदल दिया।
घटना सुबह करीब 2:10 बजे घटी, जब तीसरे सावन सोमवार पर दर्शन के लिए पहुंचे करीब 650 शिवभक्तों की कतार लगी हुई थी। इसी दौरान एक बंदर मंदिर के पास लगे बिजली के केबिल पर चढ़ गया, जिससे केबिल टूटकर टीनशेड और लोहे की बैरिकेडिंग पर गिर गया। देखते ही देखते करीब 100 मीटर लंबे लोहे के कॉरिडोर में तेज करंट दौड़ गया।
श्रद्धालु तड़पने लगे, चीखें गूंजने लगीं, और फिर भगदड़ मच गई।जिसने लोहे की पाइप पकड़ी थी, उसे सबसे पहले करंट लगा और वह गिर पड़ा।जो गिरा, वह भीड़ के पैरों तले दबता चला गया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि करंट लगने से गिनती के 4-5 लोग घायल हुए, बाकी भगदड़ में कुचले गए।भीड़ ने एक-दूसरे को रौंदते हुए बाहर निकलने की कोशिश की। इस दौरान दो श्रद्धालुओं की मौके पर ही मौत हो गई और 47 से अधिक लोग घायल हो गए।
टेक्नीशियन ने जैसे-तैसे मेन लाइन का चेंजओवर गिराकर करंट रोका, लेकिन तब तक तबाही हो चुकी थी।घायलों को सीएचसी हैदरगढ़, त्रिवेदीगंज और कोठी भेजा गया, जहां से गंभीर रूप से घायल तीन लोगों को जिला अस्पताल रेफर किया गया है।
यह मंदिर बाराबंकी-हैदरगढ़ मार्ग से करीब 500 मीटर अंदर स्थित है, जहां 100 मीटर लंबा टीनशेड लोहे के इंगल और पाइप से बना कॉरिडोर श्रद्धालुओं की कतार के लिए तैयार किया गया था।लेकिन इसी कॉरिडोर में बने बैरिकेड्स ने बिजली की तबाही को और विकराल बना दिया।
बहरहाल सवाल है कि मंदिरों में ऐसे जानलेवा वायरिंग कौन पास करता है?क्या कोई विद्युत सुरक्षा निरीक्षण हुआ था?और सबसे अहम भीड़ नियंत्रण और आपात स्थिति के इंतज़ाम कहां थे?