Cabinet Expansion: कैबिनेट विस्तार की अटकलें तेज, जल्द ही मिल सकता है तीसरा डिप्टी सीएम, जानिए रेस में किन नेताओं के नाम शामिल
Cabinet Expansion: राज्य में कैबिनेट विस्तार को लेकर अटकलें तेज है। माना जा रहा है कि 6 नए मंत्रियों को मंत्रीमंडल में जगह मिल सकता है। वहीं राज्य को जल्द ही तीसरा डिप्टी सीएम भी मिल सकता है।
Cabinet Expansion: राज्य में कैबिनेट विस्तार को लेकर अटकलें तेज हो गई है। माना जा रहा है कि जल्द ही राज्य को तीसरे उपमुख्यमंत्री भी मिल सकते हैं। कई नेताओं के नाम को लेकर अटकलें तेज है। दरअलस यह राजनीतिक हलचल बिहार के पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश का है। यूपी की राजनीति में बड़े फेरबदल की आशंका जताई जा रही है। जानकारी अनुसार यूपी भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के बाद अब योगी सरकार के कैबिनेट विस्तार और फेरबदल को लेकर चर्चाएं तेज हो गई है।
जल्द मिल सकता है तीसरा डिप्टी सीएम
पार्टी सूत्रों के अनुसार, राज्य को जल्द ही एक नया उपमुख्यमंत्री मिल सकता है। इस पद के लिए पूर्व सांसद साध्वी निरंजन ज्योति को सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, योगी सरकार में जल्द मंत्रिमंडल विस्तार किया जा सकता है। जिसमें छह तक नए मंत्रियों को शामिल किए जाने की संभावना है। फिलहाल सरकार में 54 मंत्री हैं, जबकि स्वीकृत संख्या 60 है। इस दौरान कुछ मौजूदा मंत्रियों की छुट्टी भी हो सकती है।
इन नेताओं को मिलेगी मंत्रिमंडल में जगह
सूत्रों का कहना है कि समाजवादी पार्टी से बगावत कर भाजपा में आए दो से तीन नेताओं को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। इनमें पूजा पाल, मनोज पांडेय और महेंद्र सिंह के नाम चर्चा में हैं। इसके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र और नोएडा से विधायक पंकज सिंह को भी मंत्री बनाए जाने पर विचार चल रहा है।
भूपेंद्र चौधरी की कैबिनेट में वापसी संभव
नए प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी की नियुक्ति के बाद पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को लेकर भी चर्चाएं तेज हैं। जाट नेता के रूप में पश्चिमी यूपी में मजबूत पकड़ रखने वाले भूपेंद्र चौधरी को एक बार फिर राज्य मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की संभावना जताई जा रही है। अगस्त 2022 में संगठन की जिम्मेदारी संभालने से पहले वे योगी सरकार में पंचायती राज मंत्री रह चुके हैं। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, पश्चिमी यूपी के जाट मतदाताओं को साधने के लिहाज से यह कदम राजनीतिक रूप से अहम हो सकता है।