Kedarnath Helicopter crash: केदारनाथ हेलिकॉप्टर हादसा, जुड़वां बच्चों के पिता पायलट राजवीर की दर्दनाक मौत, 2 महीने पहले गुंजी थी किलकारी
Kedarnath Helicopter crash: केदारनाथ हेलिकॉप्टर हादसे में जुड़वां बच्चों के पिता बने पायलट राजवीर की दर्दनाक मौत हो गई। राजवीर के आंगन में 2 महीने पहले ही किलकारी गुंजी थी। वहीं अभी बच्चे अपने पिता को सही से पहचाने भी नहीं थे और उनके सिर से पिता का.
Kedarnath Helicopter crash: केदारनाथ हेलिकॉप्टर हादसे में जुड़वां बच्चों के पिता बने पायलट राजवीर की दर्दनाक मौत हो गई। राजवीर के आंगन में 2 महीने पहले ही किलकारी गुंजी थी। अब तक वो अपने बच्चों को ठीक से लाड प्यार भी नहीं कर पाए थे। दरअसल, केदारनाथ से श्रद्धालुओं को ला रहा आर्यन एविएशन का हेलिकॉप्टर रविवार सुबह गौरीकुंड के पास हादसे का शिकार हो गया। जिसमें पायलट कैप्टन राजवीर समेत सभी सात लोगों की मौत हो गई। इस हादसे ने न केवल श्रद्धालुओं के परिजनों को बल्कि देश को भी झकझोर कर रख दिया है।
जुड़वां बच्चों को छोड़ गए कैप्टन राजवीर
इस हादसे में सबसे ज्यादा मार्मिक पहलू यह है कि कैप्टन राजवीर दो महीने पहले ही जुड़वां बच्चों के पिता बने थे। उन्हें अभी अपने बच्चों के साथ समय बिताने का मौका तक नहीं मिला था। उनकी पत्नी दीपिका सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर तैनात हैं। राजवीर के आकस्मिक निधन की खबर के बाद पूरा परिवार शोक में डूबा हुआ है।
10 साल का सैन्य उड़ान अनुभव
राजस्थान के जयपुर निवासी कैप्टन राजवीर को हेलिकॉप्टर उड़ाने का 10 वर्षों का सैन्य अनुभव था। हालाँकि केदारघाटी में वे पहली बार सेवाएं दे रहे थे। हेलिकॉप्टर सेवा के नोडल अधिकारी राहुल चौबे के मुताबिक, राजवीर कुशल पायलट थे, लेकिन मौसम अचानक बिगड़ने की वजह से हादसा हुआ। हादसे की जानकारी मिलने पर उनके भाई शव को लेने रुद्रप्रयाग पहुंच रहे हैं।
सात की मौत, चारधाम में सेवाएं बंद
हादसे में दो वर्षीय बच्ची सहित पांच श्रद्धालु, एक मंदिर समिति का सदस्य, और पायलट कैप्टन राजवीर की मौत हुई। श्रद्धालु महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से थे। जबकि मंदिर समिति का प्रतिनिधि रुद्रप्रयाग जिले के उखीमठ के रासी गांव से था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साइप्रस से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन कर हालात की जानकारी ली और गहरी संवेदना जताते हुए केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।
चारधाम यात्रा में पांचवां हादसा
30 अप्रैल को चारधाम यात्रा शुरू होने के बाद यह पांचवां हेलिकॉप्टर हादसा है, जो प्रशासन और निजी सेवा प्रदाताओं की लापरवाही पर सवाल उठाता है। हादसे के बाद सोमवार तक के लिए हेलिकॉप्टर सेवाएं बंद कर दी गई हैं। यह हादसा न सिर्फ एक तकनीकी चूक या मौसम की चुनौती का नतीजा है, बल्कि यह सवाल भी उठाता है कि बार-बार होने वाले ऐसे हादसों को रोकने के लिए क्या पुख्ता कदम उठाए जा रहे हैं।