K.K Pathak: भोजपुर में जमीन घोटाले पर केके पाठक का बड़ा एक्शन, 228 फर्जी जमाबंदीधारकों को भेजा गया नोटिस
K.K Pathak: भोजपुर जिले में 349 एकड़ सरकारी ज़मीन की फर्जी जमाबंदी मामले ने तूल पकड़ लिया है। केके पाठक के निर्देश के बाद प्रशासन हरकत में आया है। अब 228 लोगों को नोटिस भेजा गया है और दोषी अधिकारियों पर भी कार्रवाई की तैयारी तेज़ हो गई है।

K.K Pathak: भोजपुर जिले के बड़हरा प्रखंड के सिन्हा मौजा में 349 एकड़ सरकारी जमीन की फर्जी जमाबंदी मामले में राजस्व परिषद के अध्यक्ष केके पाठक की सक्रियता के बाद प्रशासन ने बड़ा एक्शन लिया है। केके पाठक ने हाल ही में जिला मुख्यालय पहुंचकर जिलाधिकारी को इस मामले में तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए थे। उन्होंने स्पष्ट कहा था कि जो भी अधिकारी या कर्मचारी इस साजिश में शामिल पाए जाएं, उनके खिलाफ सख्त प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
1975 से दबा था मामला, अब खुलने लगी परतें
यह पूरा मामला 1975-76 से जुड़ा हुआ है, जब 228 व्यक्तियों के नाम पर अवैध तरीके से सरकारी जमीन की जमाबंदी कर दी गई थी। जनवरी 2025 में अजय कुमार सिंह बनाम बबन सिंह के भूमि विवाद की सुनवाई के दौरान यह गड़बड़ी उजागर हुई। यह विवाद खाता संख्या 1485 और 1486 से जुड़ा हुआ था, जो सिन्हा पंचायत की सरकारी भूमि थी। जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी, प्रशासन को पता चला कि यह मामूली विवाद नहीं, बल्कि 349 एकड़ से ज्यादा जमीन की फर्जी जमाबंदी का बड़ा घोटाला है।
एडीएम कोर्ट में स्वीकृत हुआ मामला, 228 लोगों को नोटिस जारी
प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए एडीएम कोर्ट में इस मामले को स्वीकृत कर लिया है। फर्जी जमाबंदी कराने वाले 228 लोगों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया गया है। इन लोगों से जमीन से जुड़े वैध दस्तावेज मांगे जाएंगे। अगर दस्तावेज असत्य पाए गए तो संबंधित जमाबंदियों को रद्द कर जमीन से अतिक्रमण हटाया जाएगा।
जिम्मेदार अफसरों पर भी गिरेगी गाज
केके पाठक के निर्देश के अनुसार, इस फर्जीवाड़े में संलिप्त रहे अधिकारियों और कर्मचारियों की पहचान कर उनके खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। पहले ही तत्कालीन सीओ ने जांच के बाद फर्जी जमाबंदी को रद्द करने की अनुशंसा कर दी थी, जिसे अब प्रशासन ने गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई के रूप में आगे बढ़ाया है।
प्रशासनिक हलकों में हलचल, बाकी प्रखंडों की जांच की भी संभावना
इस बड़ी कार्रवाई के बाद भोजपुर के प्रशासनिक गलियारों में हलचल है। जानकारों की मानें तो केके पाठक के निर्देश पर जिले के अन्य प्रखंडों की पुरानी जमाबंदी की भी दोबारा जांच हो सकती है। इस कार्रवाई को जमीन माफियाओं पर बड़ा झटका माना जा रहा है, जो वर्षों से सरकारी जमीन पर कब्जा कर फर्जी दस्तावेज के आधार पर लाभ उठा रहे थे।