अरवल पुलिस बर्बरता, डीएसपी सहित कई अधिकारियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट

अरवल में पुलिस बर्बरता से जुड़े एक गंभीर मामले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के कोर्ट ने डीएसपी कृति कमल और करपी थाना प्रभारी सहित अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है।

अरवल पुलिस बर्बरता, डीएसपी सहित कई अधिकारियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट- फोटो : NEWS 4 NATION

बिहार के अरवल में पुलिस बर्बरता से जुड़े एक गंभीर मामले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। मनीष कुमार पांडेय की अदालत ने डीएसपी कृति कमल और करपी थाना प्रभारी सहित अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी किया है। यह सख्त कदम आरोपी पुलिस अधिकारियों की न्यायालय में लगातार गैर-हाजिरी और लापरवाही को देखते हुए उठाया गया है। इससे पहले, अदालत ने समन और जमानती वारंट जारी किए थे, लेकिन किसी भी आरोपी के उपस्थित न होने पर कोर्ट ने यह कठोर आदेश दिया है।


महिला के साथ बदसलूकी और मारपीट का गंभीर आरोप

यह पूरा मामला वर्ष 2024 का है और करपी थाना क्षेत्र से संबंधित है। पीड़िता तनीषा सिंह (जो राजद सचिव रामाशीष सिंह रंजन और अरवल जिला मुखिया संघ अध्यक्ष अभिषेक रंजन की बहू हैं) ने कोर्ट में एक परिवाद (संख्या 336/2024) दायर किया था। उन्होंने डीएसपी कृति कमल, करपी थानाध्यक्ष उमेश राम, राघव कुमार झा, प्रीति कुमारी और रोहित कुमार सहित अन्य पुलिसकर्मियों पर आपराधिक साजिश, महिला के साथ बदसलूकी, मारपीट और गंभीर चोट पहुँचाने जैसे अमानवीय कृत्य करने के गंभीर आरोप लगाए हैं।


कठोर धाराओं के तहत मुकदमा, न्यायपालिका पर बढ़ा भरोसा

पीड़ित पक्ष के अधिवक्ताओं के अनुसार, यह मुकदमा भारतीय न्याय संहिता की कई कठोर धाराओं—जैसे कि 74, 115(2), 126(2), 351(2), 332, 333, 352, 331(3)(4)(5)(6), 330 और 190—के तहत चल रहा है। इन धाराओं में 10 वर्ष या उससे अधिक की सजा का प्रावधान है। पीड़ित पक्ष ने इस आदेश को पुलिस अधिकारियों की जवाबदेही तय करने वाला कदम बताया है, जिससे न्यायपालिका पर जनता का भरोसा और मजबूत होगा। कोर्ट अब आरोपियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के लिए अगले कदम उठाएगी।