Banka ED Raid: स्वागत नहीं करोगे हमारा! बिहार में ईडी की छापेमारी, वन भूमि घोटाले को लेकर बांका में राजवीर कंस्ट्रक्शन के घर पर मारे रेड

बोकारो वन भूमि घोटाले के सिलसिले में ईडी ने बिहार, झारखंड और ओडिशा में छापेमारी की। बांका में राजवीर कंस्ट्रक्शन के मालिक विमल अग्रवाल के घर और कार्यालय पर रेड पड़ी। जानिए पूरा मामला।

Banka ED Raid
Banka ED Raid- फोटो : social media

Banka ED Raid: बिहार के बांका जिले में मंगलवार (22 अप्रैल) को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक अहम छापेमारी अभियान चलाया, जो कि झारखंड के बोकारो जिले में हुए बहुचर्चित वन भूमि घोटाले से जुड़ा हुआ है। यह कार्रवाई बिहार, झारखंड और ओडिशा के विभिन्न हिस्सों में एक साथ की गई, जिसमें एक दर्जन से अधिक ठिकानों को ईडी की अलग-अलग टीमों ने टारगेट किया।

बांका में यह कार्रवाई राजवीर कंस्ट्रक्शन के मालिक विमल अग्रवाल के आवास और कार्यालय पर की गई। विमल अग्रवाल के डैम रोड स्थित घर और ऑफिस पर सुबह से ही ईडी की टीम दस्तावेजों की जांच में जुटी रही।

बोकारो वन भूमि घोटाला: क्या है मामला?

साल 2022 में झारखंड के बोकारो जिले में वन विभाग की जमीन की अवैध खरीद-बिक्री का बड़ा घोटाला सामने आया था। इस घोटाले में यह आरोप लगे थे कि वन विभाग की भूमि को गलत कागजात के आधार पर निजी हाथों में बेचा गया, जिसमें कई रियल एस्टेट और कंस्ट्रक्शन कंपनियों की भूमिका सामने आई थी

इस मामले की जांच पहले सीआईडी ने की थी, और अब यह मामला प्रवर्तन निदेशालय (ED) के पास है, जो इसे मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से देख रहा है। इस घोटाले में दर्ज FIR और दस्तावेजों के आधार पर ईडी ने अपनी कार्रवाई शुरू की

राजवीर कंस्ट्रक्शन और विमल अग्रवाल के ठिकानों पर फोकस

राजवीर कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक विमल अग्रवाल का नाम पहले भी इस मामले में सामने आ चुका है। 26 सितंबर 2023 को उनके प्रतिष्ठानों पर जीएसटी विभाग की छापेमारी भी हुई थी। विमल अग्रवाल के पास एक मेडिकल शॉप भी है, जिसकी जांच भी विभिन्न विभागों द्वारा की जा चुकी है।इस बार की रेड में ईडी की टीम ने नकद, दस्तावेज, लैपटॉप और डिजिटल डेटा को खंगाला, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि घोटाले में फंड ट्रांसफर और संपत्तियों का उपयोग कैसे किया गया।

एक साथ तीन राज्यों में कार्रवाई

इस छापेमारी अभियान की खास बात यह रही कि ईडी ने बिहार, झारखंड और ओडिशा में एक साथ कई ठिकानों पर दबिश दी। इससे यह संकेत मिलता है कि यह घोटाला केवल एक राज्य तक सीमित नहीं, बल्कि इसका नेटवर्क बहु-राज्यीय है।ईडी अब इस पूरे मामले में मनी ट्रेल की तलाश कर रही है, ताकि यह साबित किया जा सके कि अवैध रूप से खरीदी गई भूमि से कैसे पैसा सफेद किया गया, और किन कंपनियों या व्यक्तियों ने इसका लाभ उठाया।

क्या हो सकती है अगली कार्रवाई?

सूत्रों के अनुसार, इस छापेमारी के बाद ईडी कुछ संदिग्धों को समन भेज सकती है, जिनमें राजवीर कंस्ट्रक्शन समेत कई अन्य कंपनियों के डायरेक्टर्स, पार्टनर्स और सहयोगी शामिल हो सकते हैं। दस्तावेजी जांच और फोरेंसिक ऑडिट के बाद यह भी संभव है कि मनी लॉन्ड्रिंग की बड़ी चार्जशीट दाखिल की जाए।


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