Bihar Death of Humanity: अस्पताल में इंसानियत की आखिरी सांस, सीढ़ियों पर घसीटा गया शव, सिस्टम की बेरहम हकीकत जान कर कांप जाएंगे आप
Bihar Death of Humanity: इंसानियत को झकझोर देने वाला मंजर जिसने हर संवेदनशील दिल को हिला दिया। जीएमसीएच के पोस्टमार्टम हाउस की सीढ़ियों पर...
Bihar Death of Humanity:एक और घटना जीएमसीएच अस्पताल के इतिहास में काले धब्बे की तरह दर्ज हो गया। इंसानियत को झकझोर देने वाला वह मंजर जिसने हर संवेदनशील दिल को हिला दिया। जीएमसीएच के पोस्टमार्टम हाउस की सीढ़ियों पर, एक अज्ञात शव को बेरहमी से, नंगे फर्श पर घसीटते हुए दो लोग ले जा रहे थे। न कोई स्ट्रेचर, न कोई कफ़न बस एक लाश, जिसे ऐसे खींचा जा रहा था जैसे वह कोई बेकार बोझ हो। यह दृश्य कैमरे में कैद हुआ और अब सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल रहा है।
मामला मुफस्सिल थाना क्षेत्र के श्रीराम कॉलोनी के पास का है, जहां सुबह-सुबह स्थानीय लोगों ने एक गड्ढे में तैरता हुआ शव देखा। देखते ही देखते इलाके में सनसनी फैल गई। ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस को खबर दी। पुलिस मौके पर पहुंची, शव को पानी से बाहर निकाला और पोस्टमार्टम के लिए जीएमसीएच भेज दिया।
ग्रामीणों के मुताबिक, शव करीब 4-5 दिन पुराना लग रहा था। बदन सड़-गल चुका था, फूल गया था और पहचान मुश्किल थी। फिलहाल पुलिस मृतक की पहचान और मौत के कारणों की जांच कर रही है। लेकिन इस बीच, जीएमसीएच बेतिया में जो हुआ, उसने मौत के बाद भी उस इंसान की गरिमा को छीन लिया। वीडियो की पुष्टि न्यूज4नेशन नहीं करता है।
पोस्टमार्टम के बाद, जब शव को बाहर ले जाया जा रहा था, तब वहां मौजूद कुछ लोगों ने देखा कि न तो कोई स्ट्रेचर का इंतज़ाम था और न ही कोई ढंग का कपड़ा। दो लोग, जिनकी शक्ल पर कोई संवेदना नहीं थी, सीढ़ियों पर लाश को घसीटते हुए ले जा रहे थे। ठंडी, बेरहम सीढ़ियों पर वह शव लुढ़कता-सा आगे बढ़ रहा था। यह नज़ारा न सिर्फ अमानवीय था बल्कि हमारे सिस्टम की लापरवाही का भी जीता-जागता सबूत बन गया।
स्थानीय लोग और सोशल मीडिया पर यह सवाल उठ रहा है कि आखिर इतने बड़े अस्पताल में शव ले जाने की उचित व्यवस्था क्यों नहीं है? क्यों हर बार जीएमसीएच का नाम किसी न किसी शर्मनाक घटना से जुड़ता है? और क्यों हमारे जनप्रतिनिधि व जिला प्रशासन ऐसी घटनाओं पर चुप्पी साधे बैठे रहते हैं?
लोगों का कहना है, यह मामला सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि इंसानियत के नाम पर कलंक है। मौत के बाद भी अगर किसी इंसान को इज्ज़त न दी जाए, तो यह हमारी समाजिक और प्रशासनिक संवेदनाओं के मरने का सबूत है।
यह वायरल वीडियो अब जिले ही नहीं, पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन चुका है। बहरहाल सवाल यही है क्या जिम्मेदारों की नींद अब टूटेगी, या फिर एक और लाश को इसी तरह बेइज़्ज़ती के साथ घसीटा जाएगा?
रिपोर्ट- आशीष कुमार