Councilor's membership ended: झूठ बोलना पड़ा महंगा, पार्षद की सदस्यता खत्म, दो से अधिक संतान छुपाना पड़ा भारी
Councilor's membership ended: पार्षद ने दो से अधिक जीवित संतान होने के बावजूद उसे छिपाते हुए भ्रामक शपथ पत्र दाखिल किया। ...
Councilor's membership ended: लोकतंत्र की बुनियाद पर खड़े जनप्रतिनिधियों से जब नैतिकता डगमगाने लगे, तो सत्य की मशाल उन्हें उनके पद से उतार फेंकती है। भागलपुर नगर निगम के वार्ड संख्या 40 से निर्वाचित पार्षद मो. बदरूद्दीन उर्फ चुन्नू की सदस्यता पर राज्य निर्वाचन आयोग ने ऐसी ही कठोर किंतु न्यायसंगत चोट की है।
मूल रूप से मोजाहिदपुर निवासी चुन्नू पर नजमा खातून ने यह गंभीर आरोप लगाया था कि उन्होंने दो से अधिक जीवित संतान होने के बावजूद उसे छिपाते हुए भ्रामक शपथ पत्र दाखिल किया। लोकतांत्रिक मूल्यों को ठगते इस छल की परतें खुलीं तो आयोग ने उसे नैतिक एवं वैधानिक अपराध मानते हुए उनकी सदस्यता तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी।
यह निर्णय न केवल कानून की धाराओं की गूंज है, बल्कि नैतिक जवाबदेही की भी स्पष्ट उद्घोषणा है। बिहार नगरपालिका अधिनियम, 2007 की धारा 447 तथा अन्य संबद्ध प्रावधानों के आलोक में आयोग ने जिला निर्वाचन पदाधिकारी (नगरपालिका) के रूप में भागलपुर डीएम को विधिक कार्रवाई के आदेश दिए हैं। आदेश का तामिला स्वयं डीएम द्वारा करा दिया गया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि अब जनप्रतिनिधित्व झूठ और भ्रम के सहारे नहीं टिक सकता।उप निर्वाचन पदाधिकारी श्वेता कुमारी ने जानकारी दी कि आयोग के आदेश का अनुपालन हो चुका है, और रिक्त पद पर उपचुनाव की प्रक्रिया जल्द प्रारंभ की जाएगी।
यह घटना सत्ता की सीढ़ियों पर चढ़ने की उस हड़बड़ी का परिणाम है, जहां नैतिक मूल्य पीछे छूट जाते हैं और झूठ को औजार बना लिया जाता है। लेकिन नियति जब न्याय करती है, तो वह झूठ की हर दीवार को ढहा देती है। मो. बदरूद्दीन उर्फ चुन्नू की सदस्यता की समाप्ति यही संकेत देती है — जनसेवा का सिंहासन सत्य और नैतिकता की नींव पर ही स्थिर रह सकता है।