Bihar Flood: एनएच-80 पर बड़े वाहनों की एंट्री बैन, बाढ़ के पानी ने इंग्लिश फरका और शंकरपुर डायवर्जन को दी खतरे की चेतावनी
Bihar Flood:नेशनल हाईवे-80 का सफ़र इन दिनों आसान नहीं। सड़क पर रफ़्तार के पहिए थम-थमकर चल रहे हैं, वजह है बढ़ते जलस्तर का शिकंजा।
Bihar Flood:नेशनल हाईवे-80 का सफ़र इन दिनों आसान नहीं। सड़क पर रफ़्तार के पहिए थम-थमकर चल रहे हैं, वजह है बढ़ते जलस्तर का शिकंजा। प्रशासन ने शनिवार से भारी वाहनों के परिचालन पर रोक लगा दी है, जबकि छोटे वाहनों को इजाज़त है। लेकिन एनएच पर बहते पानी ने साफ़ संदेश दे दिया है सावधान! मेरी रफ़्तार मुझसे ही न बिगड़ जाए।भागलपुर और कहलगांव के बीच एनएच-80 पर बड़े वाहनों की एंट्री बैन लगा दिया गया है।
इंग्लिश फरका और शंकरपुर के पास बने डायवर्जन इस समय जीवनरेखा बने हुए हैं। पुल का निर्माण अभी अधूरा है और अगले तीन माह तक इसके पूरा होने की उम्मीद नहीं। तब तक यही अस्थायी रास्ते वाहनों का बोझ उठा रहे हैं। लेकिन बाढ़ के पानी ने इन नाज़ुक रास्तों पर भी अपनी दस्तक दे दी है। शंकरपुर डायवर्जन को शनिवार को मामूली नुक़सान पहुंचा, जिसे रविवार को दुरुस्त कर दिया गया।
सहायक अभियंता अंकित कुमार ने साफ़ कहा कि भारी वाहनों का दबाव डायवर्जन को और नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए फ़िलहाल ट्रक-ट्रेलर को एनएच से दूर रखा गया है।” बड़े वाहनों का रूट अब सन्हौला होकर मोड़ा जा रहा है। कार, बाइक, टोटो और ऑटो को फ़िलहाल कोई रोक नहीं, लेकिन पानी का मिज़ाज देखते हुए आगे फ़ैसले बदल सकते हैं। अफ़वाहों पर लगाम लगाने की भी अपील की गई है, ताकि सड़क के साथ-साथ माहौल भी सुरक्षित रहे।उधर, अकबरनगर-नाथनगर के बीच एनएच-80 का एक और हिस्सा पानी के कब्ज़े में है, जिससे वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद हो चुकी है।
सबौर प्रखंड के बाढ़ प्रभावित पंचायतों में राहत कार्य तेज़ हो गया है। हर वार्ड में सामुदायिक किचन का धुआं उठ रहा है, ताकि किसी घर की चौखट भूख से खाली न रहे। शंकरपुर में महेश यादव ने राहत कार्य का निरीक्षण किया और ग्रामीणों ने मौके पर ही अपनी परेशानियां रखीं सूखा राशन, प्लास्टिक शीट और मवेशियों के लिए चारा।
जब सड़कें पानी में बहने लगें, तो ज़िंदगी का सफ़र भी वैकल्पिक रास्तों पर चलना पड़ता है। पुल तीन महीने बाद बनेगा, लेकिन तब तक डायवर्जन और प्रशासन दोनों ही इम्तिहान में हैं — एक बाढ़ के पानी से, दूसरा जनता के धैर्य से।