Bihar Politics: नीतीश की प्रगति यात्रा के बीच गोपाल मंडल की पप्पू यादव से मुलाकात ने मचाई हलचल, जदयू विधायक ने दिया ये खास ऑफर
गोपाल मंडल की पप्पू यादव से मुलाकात के बाद बिहार में कयासों का दौर जारी है। क्या गोपाल मंडल पाला बदलने की तैयारी कर रहे हैं? क्या पप्पू यादव जदयू में शामिल हो सकते हैं? इन सवालों के जवाब को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।
Bihar Politics: बिहार की राजनीति में इस समय एक नई हलचल मच गई है। भागलपुर के चर्चित जदयू विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल और पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव की मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। इन तस्वीरों के सामने आते ही राजनीतिक गलियारों में अटकलों का दौर शुरू हो गया। क्या गोपाल मंडल पाला बदलने की तैयारी कर रहे हैं? क्या पप्पू यादव जदयू में शामिल हो सकते हैं? इन सवालों के जवाब को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। हालांकि, इस मुलाकात को लेकर खुद गोपाल मंडल ने स्थिति साफ कर दी है। उन्होंने बताया कि वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश पर दिल्ली गए थे और वहां विधानसभा चुनाव के प्रचार में जुटे थे। इसी दौरान उनकी मुलाकात पप्पू यादव से हुई। गोपाल मंडल ने अपनी इस मुलाकात का कारण बताते हुए कहा, "पप्पू यादव मेरे छोटे भाई की तरह हैं।
मैंने उनसे कहा कि आप जदयू में आइए, यहां आपको पूरा सम्मान मिलेगा। राजद में आपको कभी सम्मान नहीं मिला।" इस पर पप्पू यादव ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, "देखते हैं भायजी! गोपाल मंडल की इस मुलाकात के बाद कई कयास लगाए जा रहे हैं। कुछ लोग मान रहे हैं कि पप्पू यादव जदयू में आने पर विचार कर सकते हैं, तो कुछ का कहना है कि गोपाल मंडल कांग्रेस की ओर रुख कर सकते हैं। हालांकि, विधायक ने इन अटकलों पर विराम लगाते हुए साफ किया कि वे पूरी तरह जदयू के प्रति समर्पित हैं और पार्टी के प्रचार में ही लगे हुए हैं।
पप्पू यादव फिलहाल इस मुद्दे पर कोई खुलकर बयान नहीं दे रहे हैं, लेकिन उनकी राजनीतिक रणनीति हमेशा चौंकाने वाली रही है। ऐसे में अगर वे जदयू का हाथ थामते हैं, तो बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर हो सकता है। सोशल मीडिया पर लोग इस मुलाकात पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ इसे महज एक संयोग बता रहे हैं, तो कुछ इसे बिहार की राजनीति का नया समीकरण मान रहे हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि पप्पू यादव और जदयू के बीच कोई नया राजनीतिक रिश्ता बनता है या यह मुलाकात सिर्फ एक अनौपचारिक भेंट बनकर रह जाती है। बिहार की राजनीति में आने वाले दिनों में क्या नया मोड़ आएगा, यह देखने लायक होगा।
रिपोर्ट - अंजनी कुमार कश्यप