BIHAR EXPRESSWAY - रामनगर से कच्ची दरगाह तक 6 लेन के एक्सेस कंट्रोल्ड ग्रीनफील्ड कॉरिडोर को मिली हरी झंडी, 1082.85 की राशि मंजूर

BIHAR EXPRESSWAY - केंद्रीय मंत्रालय ने बिहार में प्रस्तावित रामनगर से कच्ची दरगाह तक 6 लेन का एक्सेस कंट्रोल्ड ग्रीनफील्ड कॉरिडोर बनाने के लिए हरी झंडी दे दी है। 12.60 किमी लंबे मार्ग के लिए 1082 करोड़ स्वीकृत किए गए हैं।

BIHAR EXPRESSWAY - रामनगर से कच्ची दरगाह तक 6 लेन के एक्सेस कंट्रोल्ड ग्रीनफील्ड कॉरिडोर को मिली हरी झंडी, 1082.85 की राशि मंजूर

NEW DEHLI - केद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने बिहार को बड़ा तोहफा दिया है। मंत्रालय ने पटना जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग 119डी (मौजूदा राष्ट्रीय राजमार्ग-31 के चौड़ीकरण सहित) पर रामनगर से कच्ची दरगाह तक 6 लेन का एक्सेस कंट्रोल्ड ग्रीनफील्ड कॉरिडोर  बनाने के लिए हरी झंडी दे दी है। इसके साथ ही 12.60 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर के लिए 1082.85 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इस बात की जानकारी खुद राष्ट्रीय राजमार्ग एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने दी।

बिहार के पहले एक्सप्रेसवे का हिस्सा

केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि यह सड़क आमस – दरभंगा एक्सप्रेसवे का हिस्सा है. आमस – दरभंगा एक्सप्रेसवे परियोजना दो आर्थिक कॉरिडोर राष्ट्रीय राजमार्ग-02 (नया एनएच-19) और राष्ट्रीय राजमार्ग-57 (नया एनएच-27) के बीच सीधा संपर्क प्रदान करेगी। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से बिहार के अंदरूनी हिस्सों की पश्चिम बंगाल, झारखंड और पूर्वोत्तर राज्यों से कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी। इससे देश के पूर्वी हिस्से में लंबे मार्ग के यातायात और माल ढुलाई की दक्षता में सुधार करने में मदद मिलेगी।

भारतमाला प्रोजेक्ट का हिस्सा है दरभंगा -आमस हाईवे

भारतमाला परियोजना के तहत भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) आमस -दरभंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है। इस एक्सप्रेसवे का डिजाइन एक्सेस-कंट्रोल्ड होगा। जिसके कारण इस पर सीमित स्थानों से ही प्रवेश और निकास होगा, जिससे निर्बाध यातायात होगा और दुर्घटनाओं की संभावना कम होगी।

बिहार के 7 जिलों से गुजरेगी आमस-दरभंगा

बता दें कि आमस -दरभंगा एक्सप्रेसवे बिहार का पहला एक्सप्रेसवे होगा. यह राज्य के गया, औरंगाबाद, पटना और दरभंगा सहित 7 जिलों और 19 शहरों को जोड़ेगा। 189 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से पटना से दरभंगा तक की यात्रा का समय चार घंटे कम हो जाएगा। इससे उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच संपर्क बेहतर होगा और साथ ही व्यापार, रोजगार और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।



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