Industriyal City Of Bihar : दक्षिण बिहार के इन शहरों में बनेगा बड़ा इंडस्ट्रियल हब, हजारों लोगों को रोजगार देने की तैयारी, जमीन अधिग्रहण का काम शुरू
Industriyal City Of Bihar - दक्षिण बिहार के तीन जिलों में बड़ा इंडस्ट्रियल हब बनाने की तैयारी है। जिसको लेकर जमीन अधिग्रहण को लेकर काम शुरू कर दिया गया है। वहीं इन हब के शुरू होने के बाद जिलों के हजारों को लोगों को रोजगार मिलेगा।
PATNA - बिहार में उद्योगों को विकसित करने को लेकर सीएम नीतीश कुमार गंभीर हैं। वह लगातार इस बात की कोशिश कर रहे हैं कि बिहार के कुछ जिलों में औद्योगिक शहर को विकसित किया जाए। जिस पर काम शुरू कर दिया है। जिन जिलों में औद्योगिक शहर विकसित किया जाना है, उनमें एक औरंगाबाद भी शामिल है। जहां योजना के लिए जमीन अधिग्रहण का काम शुरू कर दिया गया है।
प्रगति यात्रा पर होगी शुरूआत
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रगति यात्रा पर फरवरी में औरंगाबाद आएंगे। तिथि अभी तय नहीं है परंतु अधिकारी उनके आगमन की तैयारी में दिन-रात लगे हैं। नई योजनाओं को धरातल पर उतारने का प्रयास हो रहा है। अधिकारी सीएम को औरंगाबाद में होने वाले विकास का खाका तैयार कर देंगे। औद्योगिक विकास पर जोर है। बाहर से आ रहे उद्योगपतियों को उद्योग लगाने के लिए जमीन उपलब्ध कराया जाएगा।
दरअसल, कैमूर, रोहतास और औरंगाबाद में औद्योगिक पार्क या इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर विकसित करने की योजना है। इसके लिए औद्योगिक भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। इन चारों जिलों में हाइवे के नजदीक जमीन चिन्हित की गयी है। जिला प्रशासन यह जमीन मुहैया करा रहा हैं। इसके प्रस्ताव आ गये हैं। हालांकि इसके अधिग्रहण की शुरू होने वाली है. यहां एक तरह से इंडस्ट्रियल टाउनशिप विकसित करने की योजना है।
कुटुंबा प्रखंड के गांव में जमीन चिन्हित किया गया
इसके लिए 400 एकड़ जमीन अधिग्रहण की तैयारी है। अधिकारियों ने कुटुंबा प्रखंड के गांव जमीन चिन्हित किया है। किसानों से बात चल रही है। जमीन को देखने कई बार डीएम श्रीकांत शास्त्री के साथ एडीएम ललित भूषण रंजन, डीडीसी अभ्येंद्र मोहन सिंह एवं एसडीओ संतन कुमार सिंह पहुंच चुके हैं। डीएम ने बताया कि वाराणसी से कोलकाता तक बन रहे ग्रिनफिल्ड एक्सप्रेसवे के किनारे जमीन देखी जा रही है। उद्योग के लिए जमीन अधिग्रहण होगा यह तय है। राज्य सरकार की मंशा वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस हाइवे के किनारे औद्योगिक पार्क बनाने की है। इससे वहां के उत्पाद निर्यात के लिए बड़ी आसानी से हल्दिया या कोलकाता पोर्ट तक पहुंच सकेंगे।
ओबरा में विकसित होगा मगही बाजार
मिथिला बाजार की तरह औरंगाबाद के ओबरा में मगही बाजार बनाने की तैयारी है। इसके लिए 15 एकड़ जमीन की जरूरत है। डीएम श्रीकांत शास्त्री ने बताया कि जमीन देखा गया है। शीघ्र इस पर निर्णय होगा। उन्होंने बताया कि बाजार में आमजन के लिए हर तरह की सुविधा उपलब्ध होगी। खाने से लेकर रहने की व्यवस्था होगी। बाजार में हर तरह के सामान उपलब्ध रहेंगे। यह अपनेआप में अलग तरह का बाजार होगा जिसे देखने दूर से पर्यटक पहुंचेंगे। स्वीमिंग पुल से लेकर हर तरह के होटल बनाए जाएंगे।
अपनी जमीन पर लगाएं विद्युत संयत्र
डीएम श्रीकांत शास्त्री ने बताया कि विद्युत विभाग के द्वारा चार एकड़ जमीन में इकाई लगाने का ऑफर है। जिले का कोई व्यक्ति जिनके पास चार एकड़ जमीन है तो वे इसका लाभ उठा सकते हैं।
इस इकाई के निर्माण पर पांच करोड़ रुपये खर्च होंगे। एक मेगावाट बिजली उत्पादन होगा। सरकार डेढ़ करोड़ रुपये अनुदान दे रही है। 3.50 करोड़ रुपये स्वयं खर्च होना है। डीएम के अनुसार इससे प्रत्येक वर्ष 50 लाख रुपये आमदनी होगी।