Bihar News: हर शाख पे उल्लू बैठा है ! 'ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर' पर भी शुरू हुआ अवैध धंधा, 'गाड़ी' को देखे बिना ही कर दिया जा रहा फिट, 2-3 ATS पर हो सकती है बड़ी कार्रवाई

परिवहन विभाग ने ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर का लाईसेंस निर्गत किया है. लेकिन यहां भी अवैध काम शुरू हो गया है. केंद्र तक गाड़ियां पहुंच नहीं रहीं और फिट घोषित कर ऑनलाईन सर्टिफिकेट जारी कर दिया जा रहा है. विभाग के पास इस तरह की कई शिकायतें पहुंची है.

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ATS की सांकेतिक तस्वीर - फोटो : GOOGLE

Bihar News: गाड़ियों का फिटनेस दुरूस्त करने को लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर के स्थापना की व्यवस्था की है. मकसद है, गाड़ियां अगर अच्छी कंडिशन में रहेंगी तो सड़क दुर्घटना में कमी आएगी. इसके लिए सभी राज्यों के परिवहन विभाग को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए. इस आलोक में बिहार सरकार ने भी निजी क्षेत्र में ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर खोलने को लेकर विज्ञापन जारी किया. एटीएस की स्थापना के लिए कई जिलों के लिए लाईसेंस भी निर्गत किए गए. इस आधार पर गाड़ियों का फिटनेस जांच स्वचालित मशीन से शुरू भी हुई, ऑनलाइन फिटनेस सर्टिफिकेट भी जारी किए जाने लगे. लेकिन कुछ ही दिनों बाद यहां भी भारी धांधली की शिकायत मिलने लगी है. बताया जा रहा है कि सूबे के कई फिटनेस जांच केंद्रों ने फिर से वही खेल शुरू कर दिया है. यानि यहां भी पुरानी बात...बिना गाड़ी लाए ही फिटनेस जांच कर ऑनलाईन रिपोर्ट जारी कर दिया जा रहा है. खराब गाड़ियों को भी फिट घोषित कर दिया जा रहा है. ऐसे कई केस परिवहन विभाग के पास पहुंचा है. इसके बाद विभाग के अंदर हलचल शुरू हो गई है. कहा जा रहा है कि पटना समेत अन्य जिलों में स्थापित कई स्वचालित फिटनेस जांच केंद्र रडार पर हैं. जांचोपरांत उन पर कभी भी कार्रवाई की जा सकती है, जैसे लाईसेंस निलंबन या फिर अन्य कानूनी कार्रवाई. क्यों कि राज्य परिवहन आयुक्त ने लाईसेंस देते समय यह स्पष्ट कर दिया था कि अगर शिकायत मिली तो नियमानुसार लाईसेंस को रद्द भी किया जा सकता है. 

 ऑफलाईन की बजाय ऑनलाईन, फिर भी बड़ा खेल 

परिवहन विभाग ने मई-जून 2024 से सूबे में ऑटोमैटिक फिटनेस सेंटर को लाईसेंस देना शुरू किया है. इसके बाद गाड़ियों की जांच हाइटेक मशीनों से की जा रही है. सरकार की सोच यह है कि एमवीआइ जो मैनुअल तरीके से गाड़ी को देखकर फिटनेस देते थे, अब मशीन के माध्यम से जांच कर गाड़ियों को फिटनेस सर्टिफिकेट दिया जायेगा. ऐसा होने से सड़क पर फिट गाड़ियां ही चलेगी. गाड़ियों के फिटनेस देने के लिए लगभग 20 से अधिक तरह की जांच मशीनों से होगी और फिटनेस सर्टिफिकेट ऑनलाइन के माध्यम से निकलेगा. इसमें किसी तरह की गड़बड़ी करना मुश्किल होगा और कंडम गाड़ियों पर अंकुश लग पायेगा. लेकिन यह बिहार है. यहां तो पग-पग पर गड़बड़ी है. स्वचालित फिटनेस सेंटर तो स्थापित हो गया, विभाग ने लाईसेंस भी दे दिया, लेकिन यहां भी माफियाओं ने दिमाग लगा दिया. सेंटर पर बिना गाड़ी लाये ही, दूसरे गाड़ी पर नंबर प्लेट चढ़ाकर ऑनलाईन फिटनेस सर्टिफिकेट जारी कर दिया जा रहा है. ऐसे कई प्रमाण न्यूज4नेशन के भी हाथ लगे हैं. उदाहरण से समझिए...सूबे के एक ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर ने बोलेरो गाड़ी का फिटनेस जांच किया, सर्टिफिकेट में गाड़ी की कई तस्वीर है, उसमें एक तस्वीर स्कॉपियो की भी है. समझिए, खेल को, फिटनेस दिया बोलेरो गाड़ी की और तस्वीर में स्कॉपियो गाड़ी दिख रही है. 

रडार पर 2-3 स्वचालित परीक्षण केंद्र

जानकारी के अनुसार सूबे के 2-3 ऐसे स्वचालित परीक्षण केंद्र हैं, जो आदेश को ठेंगा दिखाते हुए धड़ल्ले से यह धंधा कर रहे हैं. विभाग के पास इसकी शिकायत भी पहुंची है. जानकारी के अनुसार, उड़ीसा के परिवहन विभाग ने भी इस खेल को पकड़ा है, और सड़क परिवहन मंत्रालय को सूचित किया है. जानकार बताते हैं कि उड़ीसा के परिवहन कमिश्नर ने इस संबंध में गाड़ियों की सूची भेजी है, जो बिहार के उक्त स्वचालित फिटनेस सेंटर से फर्जी तरीके से फिटनेस प्रमाण पत्र बनाये गए हैं. यानि गाड़ियां परीक्षण केंद्र पर पहुंची ही नहीं और उसे फिट घोषित कर सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया. परिवहन विभाग के सूत्र बताते हैं कि सूबे में जितने भी लाईसेंस निर्गत किए गए हैं, उक्त केंद्रों की अब जांच होगी. फर्जीवाड़ा करने वाले स्वचालित परीक्षण केंद्रों पर जल्द ही बड़ी कार्रवाई होगी. 2-3 परीक्षण केंद्र को लेकर गंभीर शिकायत है, उन पर विभाग सख्त है, जल्द ही लाईसेंस निलंबित करने की कार्रवाई की जा सकती है.  

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