Bihar Unique wedding: गंगा की लहरों पर सजी बारात , बाढ़ में तैरता हुआ दूल्हा, नाव बना बाराती बैंड
Bihar Unique wedding:बाढ़ ने सड़कों को निगल लिया, लेकिन एक दूल्हे के हौसले को नहीं।..
Bihar Unique wedding: बाढ़ ने सड़कों को निगल लिया, लेकिन एक दूल्हे के हौसले को नहीं। गंगा की विकट धाराएँ और खतरे का निशान पार करता जलस्तर भी उस शादी की डगर नहीं रोक सका, जो महीनों पहले तय हो चुकी थी।
बक्सर के रहने वाले राजेश कुमार की बारात बलिया के बयासी गांव जानी थी। जैसे ही तैयारियाँ जोरों पर थीं, गंगा का पानी गाँव और सड़कें दोनों को लील गया। चारों ओर पानी-पानी, सड़कें जलमग्न, नावें भी तेज़ लहरों में डगमगाती लेकिन शादी टालना नामुमकिन था। दूल्हे के पिता, कमलेश राम ने साफ़ कहा कि बाढ़ शादी पर ग्रहण ज़रूर डाल सकती है, लेकिन इसे रोक नहीं सकती। मां गंगा की लहरों को हम आशीर्वाद मानकर आगे बढ़ेंगे।
बुधवार को गंगौली गांव के तटबंध के पास से बारात ने नाव पर सवार होकर सफ़र शुरू किया। दूल्हा पारंपरिक पोशाक में, रंग-बिरंगी झालरों से सजी नाव पर बैठा था। उसके साथ दो अन्य नावों में लगभग 25 रिश्तेदार और मेहमान बैठे। पानी की लयबद्ध फुहारों और मंत्रोच्चार ने माहौल को किसी सिनेमाई दृश्य जैसा बना दिया।
भले ही वहाँ म्यूज़िक सिस्टम या बैंडबाजे की धुनें नहीं थीं, मगर गंगा की लहरों की “छप-छप” आवाज़, साथ में मेहमानों की हँसी और पंडितजी के मंत्र ये सब मिलकर एक अद्भुत संगम रच रहे थे।
गाँव के लोग इस असामान्य नज़ारे को देखने के लिए नदी किनारे जमा हो गए। कई ने मोबाइल से तस्वीरें और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिए। कुछ ने मज़ाक में कहा कि ये तो असली जल-शाही शादी है!
कमलेश राम ने गर्व से कहा कि शादी की तारीख बहुत पहले तय थी, बदलना हमारा स्वभाव नहीं। मां गंगा ने इस पल को अमर कर दिया।
जैसे ही तस्वीरें और वीडियो इंटरनेट पर पहुँचे, यह ‘नाव-बारात’ चर्चा का विषय बन गई। लोग लिखने लगे कि यह तो साहस और जुगाड़ दोनों की मिसाल है। कईयों ने इसे “गंगा-विवाह” का नया रूपक करार दिया।
बलिया की बाढ़ग्रस्त गलियों से होते हुए जब यह बारात बयासी गांव पहुँची, तो दुल्हन के परिवार ने भी भावनाओं से भरे दिल से स्वागत किया। शादी की रस्में पूरी श्रद्धा और उल्लास से सम्पन्न हुईं।