NEET UG: नीट यूजी कटऑफ में बड़ी राहत, अब 35% अंकों पर भी मिलेगा आयुष में एडमिशन
आयुष (आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, होम्योपैथी) पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए नीट यूजी का कटऑफ कम कर दिया गया है। अब नीट यूजी में 35% अंक प्राप्त करने वाले छात्र भी आयुष कॉलेजों में दाखिला ले सकते हैं।
आयुष मंत्रालय ने इस वर्ष नीट यूजी में कम अंकों पर भी एडमिशन का रास्ता खोलकर छात्रों को बड़ी राहत दी है। बीएएमएस, बीएचएमएस और बीयूएमएस जैसे कोर्सों में दाखिले के लिए अब सामान्य श्रेणी के छात्रों को सिर्फ 35 प्रतिशत अंक लाने की आवश्यकता होगी। यह फैसला प्रदेश में खाली पड़ी सीटों को भरने के उद्देश्य से लिया गया है।
आयुष मंत्रालय का बड़ा कदम
आयुष मंत्रालय ने नीट यूजी कटऑफ में बदलाव करते हुए इसे सामान्य वर्ग के लिए 50 प्रतिशत से घटाकर 35 प्रतिशत कर दिया है। इसी प्रकार, एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के लिए कटऑफ 25 प्रतिशत और अनारक्षित दिव्यांग वर्ग के लिए 30 प्रतिशत कर दिया गया है। बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद (बीसीईसीईबी) ने भी आयुष मंत्रालय के इस फैसले को लागू कर दिया है। अब आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी कॉलेजों में प्रवेश के लिए न्यूनतम आवश्यक अंक लाने वाले उम्मीदवार भी काउंसलिंग में भाग ले सकते हैं।
आयुष में एडमिशन के लिए महत्वपूर्ण तिथियां
- सीट मैट्रिक्स जारी: 16 नवंबर
- रजिस्ट्रेशन की अवधि: 16 से 19 नवंबर रात 10 बजे तक
- आवेदन सुधार: 20 नवंबर तक
- मेरिट लिस्ट जारी: 22 नवंबर
- एडमिशन की तिथि: बाद में घोषित की जाएगी
आयुष में कटऑफ कम होने का लाभ
कटऑफ में कमी से अब अधिक संख्या में छात्र आयुष कोर्सों जैसे बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएएमएस), बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएचएमएस) और बैचलर ऑफ यूनानी मेडिसिन एंड सर्जरी (बीयूएमएस) में दाखिला ले सकेंगे। पहले सामान्य वर्ग के छात्रों को एडमिशन के लिए नीट यूजी में 50 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य था। आरक्षित वर्ग के लिए यह 40 प्रतिशत, और दिव्यांग श्रेणियों के लिए 45 प्रतिशत था। लेकिन, खाली सीटों को भरने के लिए इस वर्ष कटऑफ को घटा दिया गया है।
छात्रों और अभिभावकों में खुशी
इस बदलाव से छात्रों और उनके परिवारों में खुशी का माहौल है। जिन उम्मीदवारों के अंक कम थे, उनके लिए अब आयुष कोर्सों में दाखिला लेना संभव हो गया है। आयुष कॉलेजों में सीटें भरने से शिक्षा क्षेत्र को भी लाभ होगा।यह निर्णय छात्रों को प्रोत्साहित करेगा और आयुष शिक्षा में सुधार की ओर एक सकारात्मक कदम है। नीट कटऑफ में कमी से अधिक छात्रों को चिकित्सा शिक्षा में भाग लेने का अवसर मिलेगा, जिससे भविष्य में स्वास्थ्य सेवाओं को भी लाभ होगा।