Bihar News: NIA के DSP ने राजद सांसद सुरेंद्र यादव के कहने पर जदयू की पूर्व MLCको फंसाने का बनाया था प्लॉन! तीन करोड़ दो नहीं तो AK -47 रख कर फंसा देंगे!

तीन करोड़ दो नहीं तो AK -47 रख कर फंसा देंगे

Bihar News: एनआईए  के डीएसपी अजय प्रताप सिंह को भ्रष्टाचार के आरोप में  सीबीआई ने गिरफ्तार किया. जदयू की पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी के बेटे  रॉकी यादव ने डीएसपी पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था, इसके बाद सीबीआई ने जाल बिछाया और एनआईए  के डीएसपी अजय प्रताप सिंह को धर दबोचा. एनआईए ने 19 सितंबर को रॉकी यादव के ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें बड़ी संख्या में नकद और अवैध हथियार बरामद हुए थे.

सूत्रों के अनुसार एनआईए  के डीएसपी अजय प्रताप सिंह ने जदयू की पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी को धमकी दी थी कि बचना है तो 3 करोड़ दो. अगर तीन करोड़ रुपए नहीं मिले तो  तुम्हारे घर में AK-47 रखवाकर गिरफ्तार करवा दूंगा. तीन करोड़ के बाद डील आखिरकार 70 लाख में फाइनल हुई.

इसी बीच मनोरमा देवी के बेटे रॉकी यादव ने सीबीआई से इसकी शिकायत की. सीबीआई ने जाल बिछाया और उस जाल में एनआईए  के डीएसपी अजय प्रताप सिंह फंस गए और रंगे हाथ घूस लेते हुए पकड़े गए.डीएसपी अजय प्रताप सिंह यूपी के रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक के दामाद हैं.

पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी के बड़े बेटे रॉकी यादव ने 2 अक्टूबर को एनआईए डीएसपी के खिलाफ सीबीआई में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी. रॉकी के पत्र में जहनाबाद से राजद सांसद सुरेंद्र यादव के नाम का स्पष्ट उल्लेख है. जहनाबाद से राजद सांसद सुरेंद्र यादव पर आरोप है कि उन्होंने एनआईए डीएसपी अजय प्रताप सिंह से मनोरमा देवी और उनके बेटे रॉकी यादव को गिरफ्तार करने के लिए कहा. रॉकी यादव की शिकायत और वीडियो और ऑडियो रिकॉर्डिंग के आधार पर जांच के बाद मामला दर्ज किया गया था.

रॉकी यादव ने सीबीआई को शिकायत दी कि अजय प्रताप सिंह ने उसे नक्सली मामलों में फंसाने की धमकी देकर 2.5 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी. इस रकम में से पहले चरण के लिए 20 लाख रुपये की मांग की गई थी. इसके बाद बातचीत के दौरान यह तय हुआ कि कुल मिलाकर 3 करोड़ रुपये देने होंगे ताकि वह और उसका परिवार झूठे मामलों से बच सकें.

रिश्वत के भुगतान को लेकर कई बार बातचीत हुई.अंततः यह तय हुआ कि रॉकी यादव 70 लाख रुपये एक बार में देगा, जिसे वह एक अक्टूबर को पटना में देने वाला था. इस डील के तहत अजय प्रताप सिंह अपने दो एजेंटों के माध्यम से पैसे ले रहा था. सीबीआई ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए इन एजेंटों को रंगे हाथ पकड़ लिया और बाद में डीएसपी को भी गिरफ्तार किया.

एक दिन डीएसपी ने मनोरमा देवी के बेटे को धमकी देते हुए कहा कि अगर डील समय पर नहीं हुई तो वह उन्हें AK-47 रख कर  फंसा देगा. यहीं से कहानी ने टर्न लिया  और रॉकी यादव ने पूरा मामला लिखित तौर पर सीबीआई को सौंप दिया. इसके बाद रॉकी यादव ने सीबीआई के निर्देशों का पालन करना शुरू कर दिया और डीएसपी अजय प्रताप फंस गये.

डीएसपी ने राकी यादव को 26 सितंबर को पटना बुलाया और तीन करोड़ के कॉन्ट्रैक्ट पर साइन कराया. अजय प्रताप ने एजेंट (साले) का नंबर दिया था. सीबीआई ने इस नंबर को ट्रैक करना शुरू कर दिया था. डीएसपी हिमांशु के साले ने ड्राइवर की भूमिका निभाई. उसने रॉकी यादव से पांच बार व्हाट्सएप पर संपर्क किया था. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट की संख्या सात है.

सीबीआई को सौंपे गए बयान में रिश्वत की रकम प्राप्त करने वाले दो अलग-अलग लोगों की पहचान बताई गई है. पहले व्यक्ति को 25 लाख रुपये का ट्रांसफर रॉकी यादव ने गया जिले के अमासा के पास अपने मामा योगेश से कराया था. खास बात यह है कि योगेश ने पैसे लेने वाले का वीडियो भी बनाया. खास बात यह है कि कार में रॉकी यादव के साथ चार सीबीआई अधिकारी भी सवार थे. सीबीआई के बाकी अधिकारी कैंपस में इधर-उधर भाग रहे थे. जब डीएसपी के दामाद ने रिश्वत ली तो उसे सीबीआई की टीम ने पकड़ लिया.

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