Encounter: पटना एनकाउंटर में STF द्वारा मारा गया अजय राय का गुरु कौन? छड़ चोरी से छह सौ करोड़ का साम्राज्य खड़ा करने वाला किडनैपिंग किंग को जानकर उड़ जाएंगे होश

Encounter: पटना में एनकाउंटर में मारा गया अजय राय का गुरु कौन ? जिसने छड़ चोरी से छह सौ करोड़ का साम्राज्य खड़ा कर दिया आइए जानते हैं....

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Guru of Ajay Rai- फोटो : social media

Encounter:  ये साल दूसरा है वो साल दूसरा था पर इनके बीच 6 साल का लंबा फासला है पर तारीख़ एक ही है 13 दिसम्बर और हश्र भी एक ही है। यानी छह साल बाद राजधानी पटना में शुक्रवार 13 दिसंबर 2024 की दरमियानी रात एन्काउन्टर हुआ।एसटीएफ ने एनकाउंटर में मूल रूप से छपरा जिले के रिवीलगंज थाना क्षेत्र के नटवां सेमरा गांव के रहने वाले इंटरस्टेट कुख्यात लुटेरा अजय राय उर्फ काका को ढेर कर दिया। मारा गया कुख्यात राजधानी के जक्कनपुर थाना क्षेत्र के संजय नगर रोड नंबर 10 में स्थित किराए के मकान में साथियों संग छिपा हुआ था। 

9 से अधिक मामले दर्ज

पुलिस के मुताबिक कुख्यात और बेहद शातिर लुटेरा अजय के खिलाफ हरियाणा,सारण और आरा में 9 से अधिक केस दर्ज थे।अजय राय अपराध की दुनिया में काका नाम से प्रसिद्ध था। मारा गया अजय राय कुख्यात चंदन सोनार ग्रुप से भी जुड़ा था। चंदन को अजय अपना गुरु मानता था और इसी की तरह अपराध के जरिए करोड़ों अरबों की संपत्ति कमाकर अपना साम्राज्य खड़ा करना चाहता था।आइए जानते है किसको अपराध जगत में काका मानता था अपना गुरु और क्या है इस शख्स की क्राइम कुंडली 

कौन है चंदन सोनार? 

चंदन सोनार का पुश्तैनी घर हाजीपुर के महुआ में एक छोटे गांव गोविंदपुर सिंघाड़ा में है। उसके माता-पिता हाजीपुर सदर थाना क्षेत्र के सेंदुआरी में आकर बस गए थे। चंदन ने अपराध की कमाई से हाजीपुर नगर थाना के महाजन टोली में जमीन सहित मकान खरीदा था,जिसे हिंगोरा अपहरण कांड के बाद पुलिस ने सील कर रखा है। चंदन के बचपन के एक दोस्त ने बताया कि जब चंदन बच्चा था तब उसके पिताजी फेरी लगाया करते थे। पिता जब उसे भी अपने धंधे में लाना चाहे तो उसने साफ साफ मना करते हुए कहा था कि मैं छोटे काम करने के लिए पैदा नहीं हुआ हूं। तब जब इस बात पर दोस्तों ने चन्दन का मजाक उड़ा तो उसने कहा कि एक दिन उसके नाम की गूंज पूरे देश में होगी। चर्चा में अच्छे या बुरे कामों के लिए होगा वह समय ही बताएगा।

लोहे का छड़ चोरी से छह अरब का साम्राज्य 

चंदन ने रेलयार्ड से सरिया चोरी से चंदन ने अपराध की दुनिया में कदम रखा था। पहला अपहरण 2000 में वैशाली में ही राजू वासर एवं रमेश चौरसिया के रूप में की थी। पहली बार 2005 में रांची में गिरफ्तार हुआ था।6 वर्ष जेल में रहने के बाद वर्ष 2011 में जेल से निकला था। जानकार बताते है कि रांची से रिलीज ऑर्डर लेकर आ रहे कर्मचारी को चंदन सुनार का एक शागिर्द प्लेन में लेकर पटना आया था। पटना एयरपोर्ट पर रिसीव करने के लिए उसके कई साथी कार लिए मौजूद थे।मंडल कारा से रिलीज होने के बाद शाही अंदाज में चंदन सुनार लग्जरियस कारों के काफिले के साथ हाजीपुर से रवाना हुआ था। फिर दूसरी बार एक काण्ड में 2011 में पटना से गिरफ्तार किया गया और सलाखों के पीछे पहुंच गया। 

पूरे देश ने सुनी हीरा व्यवसायी के अपहरण की गूंज 

2013 में हाजीपुर मंडल कारा से छूटने के बाद चंदन सोनार ने उसी साल कर गुजरात के बड़े हीरा व्यवसायी हनीफ हिंगोरा के बेटे सोहेल हिंगोरा को अगवा कर, रास्ते में पड़ने वाले कई राज्यों की पुलिस को चकमा देते हुए बिहार ले आया था। इस प्रकरण की गूंज पूरे देश में सुनाई पड़ी थी। सारण जिले के सोनपुर नायागांव से कई माह बाद हिंगोरा की बरामदगी हुई थी। हिंगोरा को नयागांव से पहले वैशाली के बिदुपुर समेत कई ठिकानों पर भी रखा गया था।हिंगोरा की बरामदगी से पहले उसके परिजन से बकौल कई दावों के कोई दावा करता है कि ने कुख्यात 25 करोड़ वसूला तो कोई कहता है साढ़े 9 करोड़ वसूल चुका था और भी मोटी रकम की डिमांड की जा रही थी। उसी दौरान ट्रेस करते पुलिस किडनैप कर रखे हिंगोरा तक पहुंच गई। तब भी कुख्यात पुलिस के हाथ नहीं आया था। इस कांड में अजय राय उर्फ काका ने भी अपहृत सोहेल हिंगोरा को छुपा कर रखने में चंदन सोनार गिरोह की बड़ी मदद की और फिर गिरोह का विश्वस्त साथी बन गया । 

अरबपति कारोबारियों के अपहरण की लंबी फेहरिश्त

 कुख्यात चंदन सोनार गिरोह द्वारा अरबपतियों के अपहरण की लंबी फेहरिश्त है।धनबाद के प्रदीप मंडल, टाटा से भी दो लोगों को अपहरण, झारखंड में पहला अपहरण गोमिया के कारोबारी महावीर जैन को 2008 में किया था। झारखंड में सोना व्यवसायी परेश मुखर्जी, कैपिटल हिल होटल मालिक लव भाटिया जिनका होटल का व्यवसाय विदेश में भी है इसका भी चंदन ने अपहरण किया था। उद्योगपति शैलेश साह के पुत्र आदित्य की भिलाई से अपहरण किया था। तो वहीं छत्तीसगढ़ रायपुर के व्यापारी प्रवीण सोमानी का अपहरण भी देश भर में चर्चा का विषय बना था। सोमानी का तब अपहरण कर लिया गया था जब यह अपने फैक्ट्री से घर को लौट रहे थे। सोमानी का अपहरण 8 जनवरी संध्या 6:00 बजे 2020 और इसे छोड़ा गया था 22 जनवरी 2020 में। 6 जिला की पुलिस मिलकर यूपी के फैजाबाद से व्यवसायी सोमानी को रिकवर किया था।

गुरु से सीखी शातिराना चाल

चंदन सुनार का अपहरण की दुनिया का गुरु माने जाने वाला दिलीप सिंह राजापाकर थाने का रहने वाला है जो कि लगभग 15 साल से फरार चल रहा है। कुल मिलाकर गुरु-चेला दोनों ही पुलिस की आंख में धूल झोंक कर फरार होने के मामले में शातिर दिमाग हैं। चंदन ने शुरुआती दौर में ही दिलीप सिंह को गुरु माना था, उसके बाद अपनी टीम पूरे देश में तैयार कर ली।

फिरौती से 600 करोड़ से अधिक कमाये

चंदन सोनार ने अपने विश्वस्त साथी पप्पू चौधरी ने अपहरण के जरिये 600 करोड़ रुपये से अधिक की उगाही की है। देश भर में लगभग 50 अपहरण के मामलों में चंदन सोनार गिरोह का नाम सामने आया है। किसी भी कांड को अंजाम देने के लिए चंदन उस इलाके के लड़कों को ही काम में लगाता था। पूरा प्लान खुद तैयार करता था, स्थानीय लड़के उस पर अमल करते थे। स्थानीय लड़कों के पकड़े जाने के बाद भी चंदन के नाम का खुलासा नहीं होता था। जिसके कारण ही वह अबतक पुलिस से बचता रहा है।

कुलदीप भारद्वाज की रिपोर्ट

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