Mukhiya dirty video news - मुखिया जी महिलाओं के साथ रंगरेलियाँ मनाकर देते हैं सरकारी योजनाओं का लाभ, गन्दा काम वाला वीडियो हुआ वायरल
Mukhiya dirty video news- मुखिया का महिलाओं के साथ गंदा काम करने का वीडियो बड़ी तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो को लेकर यह दावा किया जा रहा है की मुखिया जी अपने पंचायत के महिलाओं के साथ योजनाओं का लाभ देने के नाम पर यौन शोषण कर
Muzaffarpur - कहा जाता है न कि गीतों में समाज के दस्तूरों का वर्णन होता है। कुछ साल पहले भोजपुरी के गायक ने एक गीत गाया था । गाने में अश्लीलता तो थी लेकिन गाने के बारे में कहा गया कि गाना उस समय के सच्चाई को बयाँ कर रहा है। गाने के बोल थे कि 'मुखिया बैगन के खेत में बोलावता। ' इस गाने की खूब आलोचना हुई । लेकिन समय के साथ मुखिया जी की रंगीन तबीयत में बदलाव आया और तकनीक ने उनको कुछ ज्यादा ही हाइटेक कर दिया। लेकिन अब तो मुखिया जी ‘मनहोखे तो बोली’ वाले तर्ज पर रेस्ट हाउस में ही फारिग होना चाहते है और गाने के बोल को हकीकत में तब्दील करते नजर आ रहे है।
ये कारनामा करने वाले मुखिया जी मुजफ्फरपुर जिले के कुढ़नी प्रखंड के रहने वाले है। मुखिया जी विकास की गंगा को बहाना चाहते है लेकिन अपनी रंगीन मिजाजी से विकास की गंगा को मैली कर रहे है। इसकी बानगी दिखी है एक वायरल वीडियो में जिसकी पुष्टि NEWS4NATION नहीं करता है। मुखिया का महिलाओं के साथ गंदा काम करने का वीडियो बड़ी तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो को लेकर यह दावा किया जा रहा है की मुखिया जी अपने पंचायत के महिलाओं के साथ योजनाओं का लाभ देने के नाम पर यौन शोषण करते हैं। पूरा मामला मुजफ्फरपुर जिले के कुढ़नी प्रखंड के सोनबरसा पंचायत का है।
सूत्रों के द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि कुढ़नी प्रखंड के सोनवर्षा पंचायत के मुखिया मोहम्मद गुलाम रसूल अंसारी के द्वारा महिलाओं के साथ योजनाओं में लाभ देने के नाम पर ऐसा कुकर्म किया जाता है। आपको बताते चले कि पूर्व में भी उक्त मुखिया जी का एक ऑडियो वायरल हुआ था । जिसमें एक महिला मित्र के साथ रसीली बातें कर रहे थे। आए दिन अपने रसीले अंदाज और कुकर्मों को लेकर मुखिया जी चर्चा में बने रहते हैं । अब इश्क मिजाज मुखिया जी के वीडियो वायरल मामले में क्या कुछ कार्रवाई होती है यह तो आने वाले वक्त में पता चलेगा। लेकिन इस वीडियो के सामने आने के बाद पूरे पंचायती राज व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं।
मणिभूषण शर्मा की रिपोर्ट