vaishali Mahua police station: सूबे के इस थाना अध्यक्ष पर गिरी गाज! ग्रामीणों की शिकायत पर DIG ने लिया एक्शन, तत्काल प्रभाव से किया सस्पेंड

vaishali Mahua police station: महुआ थाना अध्यक्ष राजेश शरण को छतवारा के ग्रामीणों की शिकायत और जांच में दोषी पाए जाने पर डीआईजी चंदन कुमार कुशवाहा ने निलंबित कर दिया। जानें पूरा मामला और कार्रवाई का विवरण।

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BIHAR POLICE- फोटो : SOCIAL MEDIA

vaishali Mahua police station: बिहार के वैशाली जिले में स्थित महुआ थाना के अध्यक्ष राजेश शरण को डीआईजी चंदन कुमार कुशवाहा ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह निर्णय तब लिया गया जब महुआ थाना क्षेत्र के छतवारा गांव के कई ग्रामीणों ने थाना अध्यक्ष के विरुद्ध गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई। इन शिकायतों की पुष्टि के बाद यह प्रशासनिक कार्रवाई की गई।

ग्रामीणों की शिकायत बनी कार्रवाई का आधार

इस पूरे प्रकरण की शुरुआत छतवारा गांव के स्थानीय लोगों द्वारा डीआईजी चंदन कुमार कुशवाहा के समक्ष थाना अध्यक्ष के रवैये को लेकर शिकायत से हुई। ग्रामीणों ने थाना अध्यक्ष पर कर्तव्यहीनता, अनुचित व्यवहार और जनप्रतिनिधियों के साथ विवाद जैसे कई गंभीर आरोप लगाए।

जांच में दोषी पाए गए थाना अध्यक्ष

इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए डीआईजी ने पुलिस उपाधीक्षक (प्रशासन) से जांच करवाई। जांच में राजेश शरण की भूमिका संदिग्ध और अनुशासनहीन पाई गई। इसके आधार पर डीआईजी ने उन्हें तुरंत प्रभाव से निलंबित करते हुए लाइन हाजिर कर दिया।

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नगर परिषद सभापति की भूमिका भी रही अहम

प्रकरण में एक और अहम मोड़ तब आया जब महुआ नगर परिषद के सभापति ने किसी स्थानीय विवाद की जानकारी फोन पर थाना अध्यक्ष को दी। इसके बाद सभापति स्वयं थाने पहुंचे, जहां थाना अध्यक्ष राजेश शरण के साथ उनकी कहासुनी हुई। यह घटना स्थानीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गई, जिससे जनप्रतिनिधि और आम जनता के बीच असंतोष और अधिक गहरा गया।

एसपी ने दी पुष्टि

इस पूरे मामले की जानकारी वैशाली के पुलिस अधीक्षक (एसपी) ललित मोहन शर्मा ने दी। उन्होंने पुष्टि की कि राजेश शरण को जांच में दोषी पाए जाने पर निलंबित किया गया है।

कुछ ही दिनों में हुआ निलंबन

गौर करने वाली बात यह है कि राजेश शरण को महुआ थाना अध्यक्ष की जिम्मेदारी 1 अप्रैल 2025 को ही सौंपी गई थी, और एक महीने से भी कम समय में उन पर इतना बड़ा प्रशासनिक निर्णय लिया गया, जो यह दर्शाता है कि पुलिस प्रशासन अब जनता की शिकायतों पर त्वरित और सख्त निर्णय लेने की दिशा में काम कर रहा है।