JDU withdraws support from BJP : जदयू ने भाजपा सरकार से वापस लिया समर्थन, अब बिहार में खेला करेंगे नीतीश कुमार, चिट्ठी से मचा हड़कंप
बिहार विधानसभा चुनाव के करीब दस महीने पहले नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने भाजपा को एक सख्त संदेश देते हुए मणिपुर के बीजेपी सरकार को समर्थन नहीं करने के अपने फैसले को बरकार रखा है. इसका अब बड़ा असर बिहार में हो सकता है.
JDU withdraws support from BJP : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू भले ही एनडीए का हिस्सा हो लेकिन भाजपा की मणिपुर सरकार को समर्थन नहीं करती. इसे लेकर बुधवार को जदयू की ओर से जारी एक पत्र में स्पष्ट किया गया कि भाजपा सरकार को जदयू समर्थन नहीं करती है. जदयू के मणिपुर के विधायक विपक्षी दलों के साथ ही बैठते हैं और उनका आगे ही इसी रूप में विपक्षी सदस्य के रूप में मणिपुर में बैठना जारी रहेगा.
यह चिट्ठी ऐसे समय में जदयू की ओर से जारी की गई है जब बिहार में भी क्या कोई सियासी उलटफेर हो सकता है, ऐसी अटकलें जारी हैं. मणिपुर के बहाने बिहार में भाजपा पर जदयू को सोची समझी रणनीति के तहत दबाव बनाने की चाल के तहत ऐसा कर रही है यह भी अब चर्चा में है.
जदयू ने चिट्ठी में क्या लिखा
जदयू ने चिट्ठी में लिखा है कि 'फरवरी/मार्च, 2022 में आयोजित मणिपुर राज्य विधानसभा के चुनाव में जनता दल (यूनाइटेड) द्वारा खड़े किए गए छह उम्मीदवारों की जीत हुई थी। कुछ महीनों के बाद, जनता दल यूनाइटेड के पांच विधायक भाजपा में शामिल हो गए। पांचों विधायकों के खिलाफ भारत के संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत मुकदमा स्पीकर के न्यायाधिकरण के समक्ष लंबित है। जनता दल (यूनाइटेड) के इंडिया ब्लॉक का हिस्सा बनने के बाद, जनता दल (यूनाइटेड) ने माननीय राज्यपाल, सदन के नेता (मुख्यमंत्री) और अध्यक्ष के कार्यालय को सूचित करके भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस ले लिया था।
जदयू ने कहा है कि इस प्रकार, मणिपुर में जनता दल (यूनाइटेड) के एकमात्र विधायक मोहम्मद अब्दुल नासिर की बैठने की व्यवस्था विधानसभा के अंतिम सत्र में अध्यक्ष द्वारा विपक्षी बेंच में की गई है। यह फिर से दोहराया जाता है कि जनता दल (यूनाइटेड), मणिपुर इकाई मणिपुर में भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार का समर्थन नहीं करती है, और हमारे एकमात्र विधायक मोहम्मद अब्दुल नासिर को सदन में विपक्षी विधायक के रूप में माना जाएगा।'
किन विधायकों ने बदला पाला
वर्ष 2022 में मणिपुर में जेडीयू को भी बड़ा झटका था. नीतीश कुमार की पार्टी के 6 में से पांच विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया था. जिन पांच विधायकों ने पाला बदला था उनका नाम केएच जॉयकिशन, एन सनाते, मोहम्मद अछबउद्दीन, पूर्व पुलिस महानिदेशक एएम खाउटे और थांगजाम अरूण कुमार थे. पांचों विधायकों ने बिरेन सिंह के नेतृत्व वाली मणिपुर की भाजपा सरकार को समर्थन दिया था. मणिपुर में जेडी(यू) के मोहम्मद अब्दुल नासिर पार्टी के एकमात्र विधायक रह गए थे. नासिर ने लिलोंग सीट जीती थी. मणिपुर विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की जनता दल-यूनाइटेड को 10.75% से अधिक वोट मिले थे.
बिहार में क्या होगा असर
हिंसा से पिछले करीब दो साल से प्रभावित मणिपुर में जदयू ने भाजपा सरकार को समर्थन न देने की बातों को दोहराना एक रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह बिहार विधानसभा चुनाव के पहले एक सियासी चाल का हिस्सा हो सकता है. जदयू मणिपुर के बहाने बिहार में एनडीए के घटक दलों को एक सख्त संदेश देने की कवायद कर सकती है कि अगर सीटों के बंटवारे में उसकी शर्तों को नहीं माना गया तो जदयू के पास अन्य विकल्प खुले रह सकते हैं.