Lalu Yadav: राजद सुप्रीमो लालू यादव परिवार समेत पहुंचे गयाजी, पितरों के लिए कर रहे पिंडदान
Lalu Yadav: लालू यादव ने गया जी के विष्णुपद मंदिर के 16 वेदी के समीप पिंडदान किया। इस कर्मकांड का उद्देश्य उनके पितरों के मोक्ष की कामना करना था।
Lalu Yadav: बिहार के गया जी में चल रहे पितृपक्ष मेले के बीच राजनीतिक और धार्मिक समागम का नजारा भी देखने को मिला। इस दौरान राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, पुत्र तेजस्वी यादव और बहु राजश्री विष्णुपद मंदिर पहुँचे।
लालू यादव ने विष्णुपद मंदिर के 16 वेदी के समीप पिंडदान किया। इस कर्मकांड का उद्देश्य उनके पितरों के मोक्ष की कामना करना था। पितृपक्ष के दौरान यह धार्मिक अनुष्ठान विशेष महत्व रखता है, जिसमें श्रद्धालु अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करते हैं।
इस मौके पर लालू यादव अपने परिवार के साथ उपस्थित थे। तेजस्वी यादव और उनकी पत्नी राजश्री विष्णुपद भी इस अनुष्ठान में शामिल होकर अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे थे। यह नजारा श्रद्धालुओं और आमजन के लिए भी आकर्षण का केंद्र रहा।
गया जी में पितृपक्ष मेला हर साल हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। यह मेला पितरों की आत्मा की शांति और धार्मिक परंपराओं के पालन का प्रतीक है। इस दौरान कई लोग पिंडदान, तीर्थयात्रा और दान-पुण्य के कार्य करते हैं।
बिहार के गया जी में 15 दिवसीय पितृपक्ष मेला चल रहा है, जो इस समय श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। देश-विदेश से बड़ी संख्या में लोग यहां पिंडदान करने के लिए पहुंच रहे हैं।गयाजी को मोक्ष की धरती माना जाता है। मान्यता है कि यहां पिंडदान करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। पितृपक्ष मेला लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है, जो इस धार्मिक अवसर पर अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पूजा-अर्चना करते हैं।इस बार पितृपक्ष मेला 21 सितंबर तक चलेगा। इस दौरान न केवल आम श्रद्धालु, बल्कि बड़े राजनेता और मशहूर हस्तियां भी पिंडदान करते हुए नजर आ सकती हैं। इस वजह से मेला धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण बन गया है।गयाजी में पितृपक्ष मेला केवल एक धार्मिक उत्सव ही नहीं, बल्कि यह श्रद्धालुओं के लिए पूर्वजों के प्रति सम्मान और उनके मोक्ष की कामना का अवसर भी है। श्रद्धालु विशेष रूप से पिंडदान, दान-पुण्य और तीर्थयात्रा के माध्यम से अपने पितरों की आत्मा की शांति सुनिश्चित करते हैं।मेले के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए पूजा स्थल, जल और अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
लालू यादव का यह धार्मिक अनुष्ठान न केवल उनके व्यक्तिगत श्रद्धा का परिचायक है, बल्कि राजनीतिक रूप से भी उनके सामाजिक और पारिवारिक मूल्यों की झलक पेश करता है।पितृपक्ष के अवसर पर गया में आने वाले श्रद्धालु इस समय पितरों की शांति के लिए पूजा-अर्चना और पिंडदान में व्यस्त हैं। लालू यादव का यह धार्मिक कृत्य भी लोगों के लिए प्रेरणादायक रहा।
रिपोर्ट- मनोज कुमार