Bihar Politics : केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने फिर दिया विवादित बयान, कहा-एमपी एमएलए लेते हैं कमीशन,

Bihar Politics : मांझी ने कहा की "सांसद को हर साल 5 करोड़ रुपये का फंड मिलता है। अगर इसमें 10 प्रतिशत कमीशन मिलता है, तो वह 50 लाख रुपये हो जाता है।

एमपी एम्एलए लेते है कमीशन - फोटो : MANOJ

GAYA : केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री जीतन राम मांझी अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं, लेकिन इस बार उन्होंने सीधे तौर पर राजनीति में होने वाली 'कमीशनखोरी' को सार्वजनिक मंच से स्वीकार कर सबको चौंका दिया है। गया में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मांझी ने खुलेआम कहा कि सांसद और विधायक अपनी योजनाओं में कमीशन लेते हैं और उन्होंने खुद भी अपनी पार्टी के नेताओं को कमीशन के पैसों से गाड़ी खरीदने की सलाह दी थी।

"10 नहीं तो 5 प्रतिशत ही लो, लेकिन पार्टी फंड में दो"

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मांझी ने गणित समझाते हुए कहा, "सांसद को हर साल 5 करोड़ रुपये का फंड मिलता है। अगर इसमें 10 प्रतिशत कमीशन मिलता है, तो वह 50 लाख रुपये (संशोधित आंकड़ा) हो जाता है। हमने खुद कई बार पार्टी के लोगों से कहा है कि इस कमीशन के पैसे का इस्तेमाल पार्टी के काम के लिए करो, गाड़ियां खरीदो।" उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई 10 प्रतिशत नहीं देता है, तो कम से कम 5 प्रतिशत ही लीजिए, लेकिन पैसा वसूलिए। मांझी ने अपनी भविष्य की योजना बताते हुए कहा, "2026 में भी हमें पैसों की कमी नहीं होगी। मैं अपने सांसद फंड का रुपया दूंगा तो अच्छी खासी रकम पार्टी के पास होगी। पार्टी को लाखों रुपये मिलना कोई मामूली बात नहीं है।"

भीड़ न जुटने पर जिलाध्यक्ष को लगाई फटकार

सम्मान समारोह में उम्मीद के मुताबिक भीड़ न जुटने पर मांझी ने अपनी ही पार्टी के जिलाध्यक्ष नारायण मांझी पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने दूसरे दलों का उदाहरण देते हुए कहा, "सभी पार्टियां भीड़ जुटाने के लिए पैसे खर्च करती हैं। अगर जिलाध्यक्ष 5 बसें मंगवाते और 2-5 लाख रुपये खर्च करते, तो पूरा स्टेडियम भर जाता। दूसरी पार्टियों के लोग भी हमारे ही समाज के लोगों को खिला-पिलाकर और घुमाकर अपनी रैलियों में ले जाते हैं। हमें भी ऐसा ही करना चाहिए था।"

100 सीटों की मांग और 'इंकलाब' की चेतावनी

आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर जीतन राम मांझी ने अभी से अपने तेवर कड़े कर लिए हैं। उन्होंने गठबंधन के साथियों को संकेत देते हुए कहा, "आने वाले चुनाव में हमारी पार्टी को कम से कम 100 सीटें मिलनी चाहिए। अगर हमें उचित सम्मान और सीटें नहीं मिलीं, तो हम 'इंकलाब जिंदाबाद' कहते हुए अपना अलग झंडा लेकर चलेंगे।"

नया सियासी समीकरण: 'भुइयां-मियां' और 'भुइयां-भूमिहार'

सामाजिक समीकरणों पर बात करते हुए मांझी ने नया नारा दिया। उन्होंने कहा कि उनके साथ अब अन्य समाज के लोग भी जुड़ रहे हैं। मांझी ने हुंकार भरते हुए कहा, "हमने नारा दे दिया है— 'भुइयां-मियां' एक साथ और 'भुइयां-भूमिहार' एक साथ। हम सबको साथ लेकर चलेंगे और अपनी ताकत दिखाएंगे।"