Bihar Land Survey 2024: मंत्री ने सूबे के DCLR से पूछा- आपके न्यायालय में क्यों लंबित रह रहे केस ? मामले को लटकाने से सरकार की छवि हो रही धूमिल...सवाल भी उठ रहे हैं

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री डॉ दिलीप कुमार जायसवाल ने कहा कि, भूमि सुधार उप समाहर्ताओं को अपने निर्णय की गुणवत्ता सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने भूमि सुधार उप समाहर्ताओं के तीसरे बैच के 2 दिवसीय प्रशिक्षण सत्र का शुभारंभ भी किया।

Bihar Land Survey

Bihar Land Survey 2024: भूमि सुधार उप समाहर्ताओं को अपने निर्णय की गुणवत्ता सुनिश्चित करनी चाहिए। अगर आपका निर्णय तर्कसंगत होगा, एक्ट एवं रूल्स पर आधारित होगा तभी आपके फैसले राजस्व एवं सिविल न्यायालयों में टिक पाएंगे। ऐसा नहीं होने पर आपके साथ विभाग की भी बदनामी होगी। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री डॉ दिलीप कुमार जायसवाल आज शास्त्रीनगर स्थित सर्वे प्रशिक्षण संस्थान में भूमि सुधार उपसमाहर्ताओं के एक बैच को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने भूमि सुधार उप समाहर्ताओं के तीसरे बैच के 2 दिवसीय प्रशिक्षण सत्र का शुभारंभ भी किया। 

उन्होंने हॉल में उपस्थित अधिकारियों से उनके न्यायालय में लंबित मामलों का कारण पूछा। डॉ. जायसवाल ने कहा कि बिना उचित कारण के और लंबे समय तक वादों को लटकाए रखने की प्रवृति से विभाग की छवि धूमिल हो रही है और कई प्रकार के सवाल उठ रहे हैं। साथ ही यह अधिकारियों की कमजोर इच्छा शक्ति का परिचायक भी है। अगर आपके सामने कोई जटिल समस्या है, स्वत्व का कोई गंभीर मामला है जिसपर आपको निर्णय लेना है तो आप अपने वरिष्ठ अधिकारियों से सलाह लें। जरूरी होने पर विधिक परामर्श भी ले सकते हैं। लेकिन लंबे समय तक किसी भी विषय को लंबित नहीं रखें।  


डॉ जायवाल ने बैठक में उपस्थित अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह और सचिव जय सिंह को कहा कि विभाग विशेषज्ञों का एक पैनल तैयार करें। इस पैनल में राजस्व से संबंधित जानकार लोग हों जिनसे भूमि सुधार उप समाहर्ता सलाह ले सकें। इससे वादों का निष्पादन तेजी से होगा और लंबित मामलों में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि भूमि सुधार उप समाहर्ता को जो भी काम करना है उसके लिए समय सीमा निर्धारित है। बीएलडीआर एक्ट के तहत 90 दिन एवं म्युटेशन अपील के लिए 30 दिन नियत हैं। आपकी कोशिश इसी निर्धारित अवधि में वादों का निष्पादन होना चाहिए। 

दिलीप जायवाल ने सभी डीसीएलआर से कहा कि नियमित तौर पर अंचल कार्यालयों का निरीक्षण करें और खासकर राजस्व कर्मचारियों के कार्यों पर बारीक नजर रखें। अंचल अधिकारी एवं राजस्व अधिकारी को भी डर होना चाहिए कि कोई है, जो उनपर बारीक नजर रख रहा है। प्रशिक्षण सत्र का शुभारंभ करते हुए विभाग के सचिव श्री जय सिंह ने कहा कि भूमि सुधार उपसमाहर्ताओं को बहुत सारे अधिनियमों के तहत काम करने पड़ते हैं और उनके निर्णयों को न्यायालयों में परखा जाता है। विभाग नहीं चाहता कि इनके निर्णय त्रुटिपूर्ण हों, इसलिए इस तरह के प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन किया जा रहा है।

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