Bihar News: DCLR और CO साहेब की सरकार ने बना ली है लिस्ट,कई और अधिकारी नंबर में,समय से यह काम नहीं हो रहा है..फेरा में पड़ना तय... चेत जाएं...
अक्षम डीसीएलआर और सीओ को स्पष्ट चेतावनी दी गई कि सुधार नहीं दिखा तो कड़ी कार्रवाई तय है।अब सरकार वैसे डीसीएलआर और सीओ की लिस्ट बना रही है जो अपने काम को करने में असक्षम साबित हुए हैं, या जिनपर भ्रष्टाचार का आरोप है।
Bihar Land Mutation: बिहार भूमि सुधार विभाग भूमि म्युटेशन अपीलों का का निपटारा न होने को सरकार ने गंभीरता से लिया है। डिप्टी कलेक्टर (डीसीएलआर) अपने लक्ष्यों को पूरा करने में विफल रहे हैं। हाल ही में एक प्रदर्शन रिपोर्ट से पता चला है कि कोई भी डीसीएलआर अक्टूबर में लंबित अपीलों का 60 प्रतिशत भी स्पष्ट करने में सफल नहीं रहा।
डीसीएलआर की हो रही सूची तैयार
अब सरकार ने कठोर कदम उठाने का फैसला लिया है। विभाग डीसीएलआर की सूची तैयार कर रहा है और अपर मुख्य सचिव ने मंडल आयुक्तों को डीसीएलआर कार्यालयों का नियमित निरीक्षण करने का निर्देश दिया है। अपर मुख्य सचिव ने सभी प्रमंडलीय आयुक्तों को पत्र लिखकर डीसीएलआर के कार्यालयों का नियमित निरीक्षण के लिए कहा है। प्रमंडलीय आयुक्त की रिपोर्ट और विभाग की अपनी छानबीन के आधार पर म्यूटेशन अपील के निबटारे में पिछड़े डीसीएलआर पर कार्रवाई होगी।
सीओ पर भी शिकंजा कसना शुरु
इसी बीच सरकार ने सीओ पर भी शिकंजा कसना शुरु कर दिया है। राज्य के 168 अंचल कार्यालयों में चल रहे म्यूटेशन, परिमार्जन और ई-मापी कार्यों की समीक्षा में पता चला था कि कई अंचल कार्यालय अपने निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने में नाकाम रहे हैं।
सभी सीओ को निर्देश दिया गया कि वे बिना किसी वैध कारण के किसी भी म्यूटेशन आवेदन को खारिज न करें। कई अंचल अधिकारियों के खराब प्रदर्शन पर गंभीरता से संज्ञान लिया गया और उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया। तीन सीओ कंप्यूटर पर लॉगिन करने में असमर्थ पाए गए, जिसके कारण उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने का निर्णय लिया गया। कटिहार जिले के फलका सीओ और नवादा के पकड़ी बड़ावा सीओ को म्यूटेशन मामलों के निपटारे में सुस्ती बरतने के कारण चेतावनी दी गई। इन सीओ ने क्रमशः 11.87% और 20.35% मामले ही निपटाए हैं। इसके अलावा, पश्चिमी चंपारण के चनपटिया सीओ और बोधगया सीओ को भी म्यूटेशन के सबसे अधिक लंबित मामलों के लिए फटकार लगाई गई।
शिकायतों के निष्पादन में सुस्ती बरतने वाले सीओ की तैयार हो रही है लिस्ट
सरकार का कहना है कि सीओ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी जिन्होंने अभियान बसेरा के तहत एक भी लाभुक को जमीन उपलब्ध नहीं कराई है। इसके साथ ही, आधार सीडिंग और भू-समाधान से संबंधित शिकायतों के निष्पादन में सुस्ती बरतने वाले सीओ को शो कॉज नोटिस जारी किया जाएगा। सीओ को स्पष्ट चेतावनी दी गई कि यदि वे अपने कार्य में सुधार नहीं लाते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
लक्ष्य पूरा नहीं करने वाले सीओ और डीसीएलआर की लिस्ट हो रही है तैयार
किसी भी डीसीएलआर के लिए म्यूटेशन अपील का निपटारा 30 दिनों में करना बाध्यकारी है। अक्टूबर की डीसीएलआर की परफॉर्मेंस रिपोर्ट में शेखपुरा अनंमंडल को शीर्ष स्थान मिला था, लेकिन म्यूटेशन अपील के निबटारे में उसे सौ में 45.77 अंक मिले। संपूर्ण उपलब्धियों के हिसाब से अक्टूबर में एक से 10 के बीच जिन अनुमंडलों को स्थान मिला, ये हैं-शेखपुरा, बांका, तारापुर, निर्मली ,बेलसंड, हाजीपुर, बेगूसराय, पटोरी, त्रिवेणीगंज, सिमरी बख्तियारपुर।इनमें तारापुर अनुमंडल की उपलब्धि ठीक है। इस अनुमंडल में म्युटेशन के म्युटेशन अपील के 82.38 प्रतिशत मामलों का निष्पादन किया गया।कुछ ऐसे भी अनुमंडल हैं, जिनकी उपलब्ध 10 प्रतिशत से भी कम है। सीमामढ़ी के बेलसंड की उपलब्धि सिर्फ 9.61 प्रतिशत है।म्यूटेशन के मामलों के निष्पादन में देरी का खराब असर भूमि सर्वेक्षण पर भी पड़ रहा है। विभाग ने नवंबर तक चार लाख से अधिक लंबित मामलों के निबटारे का आदेश दिया है। समय समाप्त होने के बाद समीक्षा होगी कि लक्ष्य पूरा हुआ है या नहीं। यह भी सीओ और डीसीएलआर के विरूद्ध कार्रवाई का आधार बनेगा।
बहरहाल सही तरीके से काम करने में अक्षम डीसीएलआर और सीओ को स्पष्ट चेतावनी दी गई कि सुधार नहीं दिखा तो कड़ी कार्रवाई तय है।अब सरकार वैसे डीसीएलआर और सीओ की लिस्ट बना रही है जो अपने काम को करने में असक्षम साबित हुए हैं, या जिनपर भ्रष्टाचार का आरोप है।