Bihar News : दिव्यांगों के साथ यह कैसी अमानवीयता ! पहले तल्ले पर लगाया गया दिव्यांग शिविर, जान जोखिम में डालकर सीढ़ियों पर चढ़ने को मजबूर हुए पैरों से दिव्यांग लोग

बरबीघा में आयोजित दिव्यांग सशक्तिकरण कोषांग के शिविर में दिव्यांगों के साथ संवेदना नहीं दिखी. शिविर का आयोजन प्रखंड कार्यालय के पहले तल्ले पर किया गया. इस कारण दोनों पैरों से दिव्यांग लोग जान जोखिम में डालकर सीढ़ियों पर चढ़ने को मजबूर हुए.

disabled camp in Barbigha
disabled camp in Barbigha - फोटो : Social Media

Bihar News : शारीरिक अक्षमता से जूझने वाले लोग दिव्यांग हैं या फिर अधिकारियों में मानसिक दिव्यांगता है? यह सवाल इन दिनों शेखपुरा जिले के बरबीघा में आम जनों की जुबान पर है कि असंवेदनशील अधिकारी कहीं मानसिक दिव्यांगता के शिकार तो नहीं हैं। दिव्यांगों के सशक्तिकरण और उसकी सहायता के लिए शेखपुरा जिला में समाज कल्याण विभाग द्वारा जिलाधिकारी के आदेश पर सभी प्रखंड मुख्यालय में शिविर लगाकर दिव्यांगों की जांच और उनको ऑनलाइन कार्ड उपलब्ध कराया जा रहा है। बरबीघा के प्रखंड मुख्यालय परिसर में भी इसके लिए शिविर का आयोजन मंगलवार यानी 22 अक्टूबर को होना था परंतु इस शिविर के लगाने में स्थानीय समाज कल्याण विभाग एवं अन्य अधिकारियों की संवेदना नहीं दिखाई दी। शिविर दिव्यांगों के लिए दिव्यांगता जांच, यूडीआईडी कार्ड बनाने,  दिव्यांगों का निबंधन करने के लिए लगाया गया। 


बरबीघा में आयोजित दिव्यांग सशक्तिकरण कोषांग के इस शिविर में दिव्यांगों के साथ संवेदना नहीं दिखी। शिविर का आयोजन प्रखंड कार्यालय के पहले तल्ले पर किया गया। यानी अगर को पैरों से चलने-फिरने में असामान्य है तो उसे भी पहले तल्ले पर जाने की मजबूरी है। ऐसे में दोनों पैर से दिव्यांग को शिविर में पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ी । 


शिविर में बरबीघा के डुमरी गांव निवासी नंदकिशोर शर्मा की पुत्री हुई झूलन कुमारी भी पहुंची। दोनों पैर से दिव्यांग झूलन को शिविर में जाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी । उसके साथ अभिभावक के रूप में आए ग्रामीण सुशील कुमार ने इस पर काफी नाराजगी जाहिर की। सुशील ने बताया कि दिव्यांगों के साथ यह मानवीय व्यवहार नहीं है। गवय गांव निवासी राजीव कुमार ने कहा कि दिव्यांगों को सशक्त करने के लिए भले इस शिविर का आयोजन किया गया परंतु दिव्यांगों के साथ इसमें जरा भी सहानुभूति नहीं दिखी।


इस संबंध में पूछे जाने पर प्रखंड विकास पदाधिकारी अमित कुमार ने कहा कि ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार के समीक्षा बैठक में भाग लेने के लिए वे शेखपुरा में थे। समाज कल्याण विभाग के कर्मी को शिविर नीचे ही यानी भूतल पर लगाने के लिए कहा गया था। शिविर में 118 दिव्यांग की जांच और निबंधन हुआ। इसमें 10 पैर से दिव्यांग थे। शुरू में पैर से दिव्यांग के लिए नीचे जांच की व्यवस्था की गई थी। बाद में जांच कर्ता ऊपर चले गए। इसी में यह दिक्कत हुआ। 


इस संबंध में पूछे जाने पर जिला पदाधिकारी आरिफ अहसन ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है और इस पूरे मामले की उनके द्वारा जांच कराई जाएगी। 

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