Bihar News: बिहार में ईंट भट्टा पर नीतीश सरकार का बड़ा फैसला,जिनके पास यह दो सर्टिफिकेट नहीं वह होगा तत्काल बंद

बिहार सरकार ने ऐसे भट्ठों को चिह्नित कर उन्हें बंद करने के निर्देश दिए हैं, विशेष रूप से उन भट्ठों को जो बिना सीटीई (कंसेंट टू स्टैब्लिस्ट) और सीटीओ (कंसेंट टू ऑपरेट) अनुमति के संचालित हो रहे हैं।

Bihar News: बिहार में ईंट भट्टा पर नीतीश सरकार का बड़ा फैसला,जिनके पास यह दो सर्टिफिकेट नहीं वह होगा तत्काल बंद
बिहार में ईंट भट्टा पर नीतीश सरकार का बड़ा फैसला- फोटो : freepik

Bihar News: बिहार सरकार ने ईंट-भट्ठों की अनियमितताओं को लेकर सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। समीक्षा बैठक में यह सामने आया कि कई ईंट-भट्ठों ने न तो समय पर टैक्स जमा किया है और न ही उनके पास इन्हें स्थापित करने और संचालित करने की आवश्यक अनुमति (सीटीई और सीटीओ) है। ऐसे भट्ठों को चिन्हित कर बंद करने के आदेश दिए गए हैं।

इस प्रक्रिया के तहत खान एवं भू-तत्व विभाग के अधिकारियों को नियमित निरीक्षण, बकाया राशि की वसूली, और राजस्व संग्रह का लक्ष्य तय करने के निर्देश दिए गए हैं। बिहार में साढ़े छह हजार से अधिक ईंट-भट्ठे संचालित हैं, जिनमें से कई पर अनियमितताओं के आरोप हैं।

186.74 करोड़ का राजस्व संग्रह 

इसके अलावा, खनिज विकास पदाधिकारियों ने वित्तीय लक्ष्य के मुकाबले ज्यादा राजस्व संग्रह किया, जिसमें पटना अंचल सबसे ऊपर रहा, जहां 186.74 करोड़ का राजस्व संग्रह हुआ। अन्य अंचलों में भी विभिन्न स्तरों पर अच्छा राजस्व संग्रह हुआ है, जैसे मगध अंचल ने 64.07 करोड़, और मुंगेर अंचल ने 15.30 करोड़ का संग्रह किया।

विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए

बिहार सरकार ने ऐसे भट्ठों को चिह्नित कर उन्हें बंद करने के निर्देश दिए हैं, विशेष रूप से उन भट्ठों को जो बिना सीटीई (कंसेंट टू स्टैब्लिस्ट) और सीटीओ (कंसेंट टू ऑपरेट) अनुमति के संचालित हो रहे हैं। विभाग के अधिकारियों को नियमित निरीक्षण, बकाया राशि की वसूली, और राजस्व संग्रह के लक्ष्यों को निर्धारित करने के निर्देश दिए गए हैं।

बिहार में ईंट-भट्ठे की संख्या

नीतीश कुमार की समीक्षा बैठक में यह भी चर्चा की गई कि बिहार में लगभग 6,500 से अधिक ईंट-भट्ठे संचालित हैं, जिनमें से कई पर अनियमितताएं पाई गई हैं। इसके अलावा, विभाग ने नवंबर के महीने में 175 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 309.85 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह किया है, जिसमें पटना अंचल सबसे आगे रहा।


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