Bihar News: शराब भी क्या चीज है, दिखती नहीं मिलती है सब जगह ...ऐसी शराब जिसे पीते ही मौत के मुंह में समा जाते हैं लोग...
Bihar News: बिहार में 2016-17 से शराबबंदी लागू है। यह सर्वविदित है कि शराब का सेवन, खरीद-फरोख्त और भंडारण कानूनन अपराध है। फिर भी, राज्य में शराब की उपलब्धता आम बात है। हालांकि यह धंधा गुप्त रूप से चल रहा है, विपक्ष का दावा कि शराब नज़र नहीं आती लेकिन हर जगह मिल जाती है, पूरी तरह सच साबित होता है. बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद भी शराब की उपलब्धता जारी है। 2016 से लागू इस प्रतिबंध के बावजूद, जहरीली शराब से होने वाली मौतों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
शराबबंदी के समर्थकों का मानना है कि इससे घरेलू हिंसा में कमी आई है और महिलाओं की सुरक्षा में सुधार हुआ है। हालांकि, दूसरी ओर, शराबबंदी ने अवैध शराब का कारोबार बढ़ा दिया है। तस्कर और शराब बनाने वाले लोग मेथनॉल जैसे जहरीले पदार्थों का इस्तेमाल कर सस्ती शराब बना रहे हैं, जिससे लोगों की जान जा रही है। सरकार के खटोर कदम के बावजूद शराब के धंधे पर लगाम नहीं लगाया जा सका है।
मेथनॉल एक औद्योगिक रसायन है जिसका उपयोग पेंट, प्लास्टिक आदि बनाने में होता है। यह एथनॉल जैसा दिखता है और सूंघने में भी लगभग वैसा ही होता है। लेकिन यह अत्यंत जहरीला होता है। जब लोग इसे शराब समझकर पीते हैं तो इससे अंधापन, किडनी फेलियर और यहां तक कि मौत भी हो सकती है। शराबबंदी के कारण सूबे में शराब की धंधेबाजी जोरो पर है।
अवैध शराब सस्ती होती है। वहीं लोग मेथनॉल और एथनॉल के बीच के अंतर से अनजान होते हैं।बिहार में शराबबंदी का उद्देश्य अच्छा था, लेकिन इसके परिणाम अप्रत्याशित रहे हैं। अवैध शराब का कारोबार फलफूल रहा है और लोगों की जान जा रही है।
वहीं बिहार में सीवान और छपरा में जहरीली शराब पीने से मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. ताजा जानकारी के मुताबिक सीवान और छपरा जिले के 16 गांवों में जहरीली शराब पीने से 32 लोगों की मौत हो गई है. इस घटना ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है. मृतकों में 28 लोग सीवान जिले से हैं,इनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं. जबकि 4 लोगों की मौत सारण जिले में हुई हैं. यह घटना तब हुई जब स्थानीय बाजार में बिक रही स्प्रिट से बनी शराब का सेवन किया गया.वहीं रात भर सीवान सदर अस्पताल में एम्बुलेंस का आना जाना लगा रहा . वहीं मरने वालों का आकड़ा बढ़ते हीं जा रहा है. सीवान में अबतक जहरीली शराब पीने से 28 लोगों की मौत हो गई है. कई लोगों की हालत नाजुक देखते हुए पटना पीएमसीएच भेजा गया लेकिन रास्ते में हीं मौत हो गई.
जहरीली शराबह पीने से बीमार 50 अन्य लोग विभिन्न अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं. इनमें से 11 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है, जिससे उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है सीवान सदर अस्पताल में भर्ती मरीजों में से कुछ को पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल रेफर किया गया है.सीवान में 17 लोगों का पोस्टमॉर्टम किया जा चुका है.
पटना से जागृति शर्मा के साथ प्रगति शर्मा की रिपोर्ट