भारत में शिक्षा सुधार, पटना के 575 स्कूलों को मिलेगा पीएम श्री स्कूल का दर्जा

पीएम श्री स्कूल योजना सरकारी स्कूलों को नई ऊंचाई पर ले जाने का प्रयास है। पटना जिले में 575 नए स्कूलों को इस योजना में शामिल करने से न केवल शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी, बल्कि विद्यार्थियों को एक बेहतर शैक्षिक माहौल भी मिलेगा।

भारत में शिक्षा सुधार, पटना के 575 स्कूलों को मिलेगा पीएम श्री स्कूल का दर्जा
Patna के स्कूलों को मिलेगा पीएम श्री का दर्जा- फोटो : social media

Bihar Patna PM SHRI School portel: भारत सरकार ने सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को सुधारने और सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए पीएम श्री स्कूल (PM SHRI School) योजना शुरू की है। इस योजना के तहत चयनित स्कूलों को विशेष दर्जा दिया जाता है और उन्हें बेहतर शिक्षा व संसाधन मुहैया कराए जाते हैं।

पटना के 575 स्कूल होंगे शामिल

पटना जिले के 575 सरकारी स्कूलों को पीएम श्री स्कूल का दर्जा देने के लिए सहमति दी गई है। इसके लिए प्रक्रिया तेज कर दी गई है, और बिहार शिक्षा परियोजना परिषद से मिले निर्देश के अनुसार जिला शिक्षा कार्यालय ने तैयारी शुरू कर दी है।

आवेदन प्रक्रिया:

प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि सूचीबद्ध स्कूल 5 दिसंबर तक ऑनलाइन आवेदन करें।

सत्यापन:

सभी आवेदन 10 दिसंबर तक प्रखंड स्तर पर सत्यापित किए जाएंगे।

आवेदन कैसे करें?

स्कूलों को पीएम श्री पोर्टल पर आवेदन करना होगा।

पोर्टल पर यू-डायस कोड, मोबाइल नंबर और ओटीपी की मदद से लॉगिन कर आवेदन किया जा सकता है।

आवेदन प्रक्रिया की देखरेख संबंधित स्कूल के प्राचार्य करेंगे।

पहले चरण में 31 स्कूलों को मिला दर्जा

पटना जिले के 31 स्कूल पहले ही पीएम श्री स्कूल का दर्जा प्राप्त कर चुके हैं।

फायदे:

इन स्कूलों को विकास के लिए विशेष फंड मिलता है।

स्कूलों में बुनियादी ढांचे और शैक्षिक सुविधाओं में सुधार किया जाता है।

स्कूल के नाम के आगे "पीएम श्री" शब्द जोड़ा जाता है।

पीएम श्री स्कूल: विशेषताएं और लाभ

अन्य सरकारी स्कूलों की तुलना में पीएम श्री स्कूलों में कई सुविधाएं बेहतर होती हैं:

अनुशासन पर जोर:

बच्चों के लिए यूनिफॉर्म अनिवार्य होती है।

पुस्तकालय और प्रयोगशाला:

पुस्तकालयों में प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित पत्रिकाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।

हिंदी और अंग्रेजी के दैनिक समाचार पत्र नियमित रूप से उपलब्ध होते हैं।

पाठ्य सामग्री और खेल सुविधाएं:

सभी बच्चों को पाठ्य सामग्री और खेल उपकरण दिए जाते हैं।

बुनियादी ढांचा:

स्कूलों को राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप तैयार किया जाता है।


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