Bihar Teacher News: शिक्षकों के ट्रांसफर फॉर्म में महिला शिक्षिका के लिए संकट! घर और मायके दोनों का नहीं दिया विकल्प...अब जाना पड़ेगा बाहर...देख लीजिए..
Bihar Teacher News: शिक्षकों के ट्रांसफर फॉर्म में शिक्षक-शिक्षिका गृह अनुमंडल या पति/पत्नी के गृह अनुमंडल को विकल्प के तौर पर नहीं चुन सकते हैं। ऐसे में महिला शिक्षक ना को मायके में रहकर नौकरी कर पाएंगी ना ही ससुराल में रहकर नौकरी कर पाएंगी।
Bihar Teacher News: बिहार में सक्षमता परीक्षा पास शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। महिला शिक्षकों को स्थानांतरण के दौरान कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। महिला शिक्षिका ना ही मायका में और ना ही ससुराल में जाकर नौकरी करस सकेंगी। उन्हें नौकरी के लिए बाहर जाना होगा।
स्थानांतरण में बाधाएं
दरअसल, ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरु हो गई है। शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए आवेदन करने पर महिलाओं को अपने पति के गृह जिले का विकल्प भरना अनिवार्य कर दिया गया है। वहीं स्थानांतरण के लिए दोनों महिला और पुरुष शिक्षकों को इन पंचायतों या अनुमंडलों का विकल्प नहीं मिल रहा है इस नियम के कारण कई महिलाएं अपने मायके या पति के घर के आसपास स्थानांतरित नहीं हो पा रही हैं।
महिला शिक्षकों की समस्याएं
कई महिलाएं शादी के बाद भी अपने मायके में ही रहकर नौकरी करती हैं। नए नियम के कारण उन्हें अपने मायके से दूर जाना पड़ेगा। कई महिलाएं मायके में रहकर नौकरी कर रही हैं जो अपने पति के घर जाकर नौकरी करना चाहती हैं। अब उन्हें फिर ससुराल जाने का मौका नहीं मिलता देख रहा है। बच्चों की पढ़ाई को लेकर भी महिलाएं चिंतित हैं। महिला शिक्षकों का कहना है कि उनका वनवास फिर खत्म नहीं होगा।
गृह अनुमंडल या पति/पत्नी का गृह अनुमंडल नहीं दे सकतें शिक्षक
बता दें कि, महिला शिक्षिकाओं को स्थानांतरण के विकल्प में पंचायत, नगर निकाय का विकल्प दिया गया है मगर वे स्वयं की और पति की गृह पंचायत या नगर निकाय का स्कूल विकल्प के तौर पर नहीं चुन सकती हैं। यही नहीं, वर्तमान में पदस्थापित पंचायत या नगर निकाय का विकल्प भी वे स्थानांतरण में नहीं दे सकतीं। यही शर्त पुरुष शिक्षकों पर भी लागू है कि वे गृह अनुमंडल या पत्नी का गृह अनुमंडल नहीं दे सकते हैं।
शिक्षकों की मांगें
शिक्षक संघों ने सरकार से मांग की है कि स्थानांतरण के नियमों में बदलाव किया जाए और शिक्षकों को अपने पसंद के जिले में स्थानांतरित होने की अनुमति दी जाए। हालांकि सरकार ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। स्थानांतरण के लिए आवेदन करने वाली महिलाओं ने कहा कि हमें 10 पंचायतों का विकल्प दिया गया है, मगर साथ ही यह भी आदेश है कि अगर इन 10 में रिक्ति नहीं हुई तो विभाग अपने अनुसार स्थानांतरण करेगा।