Reservation In Bihar: बाहरी राज्यों के अभ्यर्थियों को नहीं मिलेगी आरक्षण में छूट, विभाग ने दिया फैसला
बिहार में एक महिला आवेदक, जो उत्तर प्रदेश की रहने वाली है ने बिहार में शिक्षक पद के लिए आवेदन किया था. लेकिन शिक्षा विभाग ने उन्हें बाहरी राज्य का उम्मीदवार बताते हुए आवेदन खारिज कर दिया
Reservation In Bihar : बिहार शिक्षा विभाग ने उत्तर प्रदेश की निवासी महिला आवेदिका कुमारी चांदनी के उस दावे को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने बिहार की सामान्य श्रेणी की महिला को मिलने वाली अंकों में छूट का लाभ मांगा था। कुमारी चांदनी ने कहा था कि उन्हें शिक्षक पद की काउंसलिंग में शामिल करते हुए नियुक्ति पत्र जारी किया जाए। लेकिन प्राथमिक निदेशक पंकज कुमार ने इस मामले की सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि चूंकि आवेदिका बिहार के बाहर की निवासी हैं और सामान्य श्रेणी से हैं, इसलिए उन्हें बिहार में शिक्षक पात्रता परीक्षा में आवश्यक उत्तीर्ण अंक में मिलने वाली छूट का लाभ नहीं दिया जा सकता।
बिहार अधिनियम का हवाला देकर दावा खारिज
अपने आदेश में प्राथमिक निदेशक ने सामान्य प्रशासन विभाग के प्रावधान का हवाला देते हुए कहा कि बिहार अधिनियम-3, 1992 के तहत केवल बिहार के मूल निवासी ही आरक्षण के लाभ के हकदार हैं। इस अधिनियम के अनुसार, अन्य राज्यों के निवासी इस आरक्षण के लाभ का दावा नहीं कर सकते। इस आदेश के आधार पर कुमारी चांदनी का आवेदन अस्वीकृत कर दिया गया है।
बीपीएससी की नियुक्ति प्रक्रिया में भी उठाया गया मामला
सुनवाई के दौरान कुमारी चांदनी की ओर से बताया गया कि बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने उन्हें कक्षा 1-5 के लिए विद्यालय अध्यापक के पद पर सफल घोषित किया था और अरवल जिला आवंटित किया था। हालांकि, सीटीईटी पेपर में उनके अंक 60 प्रतिशत से कम होने के कारण उनकी काउंसलिंग रोक दी गई। उन्होंने अपने पक्ष में तर्क रखते हुए कहा कि बीपीएससी के विज्ञापन में स्पष्ट लिखा था कि सामान्य कोटि की महिलाओं के लिए 55 प्रतिशत अंक होना अनिवार्य है। इसके बावजूद भी उनकी नियुक्ति पर रोक लगाई गई।
सीटीईटी के अधिसूचना के आधार पर पुष्टि
प्राथमिक निदेशक पंकज कुमार ने इस फैसले की पुष्टि सीबीएसई द्वारा आयोजित केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) की अधिसूचना के आधार पर की