Bihar News: नीतीश जी,बिहार के इस 100 घरों के गांव में एक भी स्कूल नहीं,सिर्फ 5 मैट्रिक,आजादी के 77 साल बाद भी शिक्षा है बेहाल
गांव के लगभग 200 बच्चे स्कूल जाने योग्य हैं। यदि पन्सल्ला गांव में स्कूल का निर्माण हो, तो बच्चों को बेहतर भविष्य के लिए शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिल सकेगा।
Bihar News: कटहरा पंचायत के पन्सल्ला गांव में प्राथमिक शिक्षा की स्थिति बेहद चिंताजनक है। इस गांव में कोई स्कूल नहीं है, जिसके कारण बच्चों को लगभग दो किलोमीटर दूर दूसरे गांव में स्थित विद्यालय तक खेतों की पगडंडियों के सहारे जाना पड़ता है। कई अभिभावक सुरक्षा और दूरी की वजह से अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज पाते। परिणामस्वरूप, 100 घरों वाले इस गांव में केवल पांच लोग ही किसी तरह मैट्रिक की परीक्षा पास कर सके हैं।
ग्रामीणों की गुहार: स्कूल के लिए सरकारी जमीन उपलब्ध
गांव के निवासी अजीत पासवान ने बताया कि स्कूल भवन निर्माण के लिए पर्याप्त सरकारी जमीन उपलब्ध है। इस मुद्दे को लेकर ग्रामीण प्रखंड और जिला स्तर के अधिकारियों के अलावा बिहार के शिक्षा मंत्री तक आवेदन दे चुके हैं। हालांकि, हर बार उन्हें केवल आश्वासन मिला, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। बीडीओ ने भूमि निरीक्षण का आश्वासन दिया था, लेकिन वह भी अब तक नहीं आए।
छात्राओं की समस्याएं: दूरी और असुरक्षा का भय
दूसरे गांव में पढ़ाई करने जाने वाली छात्राओं, जैसे होली कुमारी, सोना कुमारी, और वर्षा कुमारी ने अपनी कठिनाईयां साझा कीं। उन्होंने बताया कि उन्हें ठंड में 2 किलोमीटर दूर पैदल चलकर स्कूल जाना पड़ता है, जो थका देने वाला और असुरक्षित है। इसके अलावा, दूसरे गांव के बच्चों और शिक्षकों द्वारा भेदभाव और दुर्व्यवहार का भी सामना करना पड़ता है।
ग्रामीणों की मांग: गांव में स्कूल का निर्माण हो
ग्रामीण कपिलदेव पासवान, कृति देवी, और अन्य लोगों ने बताया कि उनकी एकमात्र मांग है कि गांव में स्कूल खोला जाए। उनका कहना है कि दो किलोमीटर दूर स्कूल भेजना उनके लिए संभव नहीं है। बच्चों को बरसात और गर्मी में बीमार पड़ने का डर रहता है। साथ ही, गरीब किसान और मजदूर होने के कारण वे निजी स्कूल का खर्च नहीं उठा सकते।
बीडीओ का बयान: जल्द होगा भूमि निरीक्षण
बीडीओ संजीव कुमार ने बताया कि ग्रामीणों के आवेदन के आधार पर दो-तीन दिनों में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के साथ जमीन का निरीक्षण किया जाएगा।
शिक्षा से वंचित बच्चों का भविष्य खतरे में
दूरी की वजह से कई अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज पाते। माता-पिता का कहना है कि वे मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण करते हैं। बच्चों को स्कूल छोड़ने और लाने के लिए समय निकालना उनके लिए कठिन है। स्कूल का अभाव इन बच्चों के भविष्य को अंधकारमय बना रहा है।
समाधान की आवश्यकता
गांव के लगभग 200 बच्चे स्कूल जाने योग्य हैं। यदि पन्सल्ला गांव में स्कूल का निर्माण हो, तो बच्चों को बेहतर भविष्य के लिए शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिल सकेगा। ग्रामीणों ने प्रशासन से इस दिशा में त्वरित और ठोस कदम उठाने की अपील की है।