Bihar Teacher News: शिक्षा विभाग का फरमान, हेडमास्टर महीने के शुरुआत में हीं करें यह काम फिर शिक्षकों को इस दिन की लगी ड्यूटी, हर कीमत पर मिले अंजाम..

Bihar Teacher News: बिहार में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए सरकार और शिक्षा विभाग के द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में शिक्षा विभाग ने एक औऱ फरमान जारी किया है।

 Education department
Education department - फोटो : social media

Bihar Teacher News: बिहार के सरकारी विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षा विभाग ने कई नए कदम उठाए हैं। अब शिक्षक-अभिभावक संगोष्ठी को नियमित रूप से आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। पहले यह संगोष्ठी केवल परीक्षा के बाद प्रगति रिपोर्ट देने के समय आयोजित होती थी, लेकिन अब प्रत्येक महीने के किसी एक शनिवार को इसे अनिवार्य रूप से आयोजित किया जाएगा।

नए दिशा-निर्देश लागू

प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करते हुए सभी विद्यालयों के लिए मॉडल टाइम टेबल निर्धारित किया है। 21 नवंबर 2024 से लागू इस नियम के तहत महीने के किसी एक शनिवार को अभिभावक-शिक्षक संगोष्ठी आयोजित करना अनिवार्य होगा। इस पहल का मुख्य उद्देश्य छात्रों को धारा प्रवाह पढ़ाई कराने और होमवर्क पूरा कराने पर जोर देना है। शिक्षक और अभिभावक बच्चों की पढ़ाई के उन पहलुओं पर चर्चा करेंगे, जहां सुधार की आवश्यकता है, खासकर भाषा और गणित जैसे विषयों में।

अभिभावकों से किया जाएगा अनुरोध

अभिभावकों से अनुरोध किया जाएगा कि बच्चे रोज़ाना हिंदी और अंग्रेजी का एक पाठ उच्चारण के साथ जोर-जोर से पढ़ें। होमवर्क नियमित रूप से पूरा कराएं। बच्चों के गणित और अन्य विषयों में बेहतर प्रदर्शन पर ध्यान दें। अभिभावकों से टीचर बच्चों को हर दिन एक घंटा पढ़ाने का अनुरोध करेंगे। वहीं यदि निर्धारित शनिवार को संगोष्ठी आयोजित नहीं हो पाती है, तो इसे किसी अन्य शनिवार को अनिवार्य रूप से कराया जाएगा। बैठक के बाद चर्चा का सारांश रजिस्टर में दर्ज करना आवश्यक होगा। यह देखा गया था कि पहले संगोष्ठी के लिए कोई निश्चित मार्गदर्शिका नहीं थी, जिससे विद्यालयों में इसका संचालन भिन्न-भिन्न तरीके से हो रहा था।

बैठक में चर्चा के मुख्य बिंदु

छात्रों की स्वच्छता और आचरण पर अभिभावकों से चर्चा। कक्षा में महीने की उपस्थिति और छात्रों को नियमित विद्यालय भेजने का अनुरोध। स्कूल यूनिफॉर्म और पोशाक की महत्ता पर जोर। छात्रों के प्रगति विवरण से अभिभावकों को अवगत कराना।

प्रधानाध्यापक की भूमिका

प्रधानाध्यापक प्रत्येक महीने की शुरुआत में संगोष्ठी की तिथि निर्धारित करेंगे और इसकी सूचना अभिभावकों तक फोन कॉल, व्यक्तिगत संपर्क या बच्चों के माध्यम से पहुंचाई जाएगी। प्रत्येक वर्ग कक्ष के लिए समय तय किया जाएगा ताकि विद्यालय में अधिक भीड़ न हो।

विशेष प्रबंध

अगर किसी विद्यालय में नामांकित बच्चों की संख्या अधिक है, तो कक्षा 1-5 और कक्षा 6-8 के लिए अलग-अलग दिन संगोष्ठी आयोजित की जा सकती है। साथ ही अभिभावकों के बैठने की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। इस पहल का उद्देश्य शिक्षक और अभिभावकों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित कर बच्चों की शिक्षा में सुधार करना है।

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