Gaya News : गया डीएम ने अफीम के अवैध खेती पर रोक लगाने सहित कई मामले को लेकर की बैठक, अधिकारियों को दिए कई निर्देश

Gaya News : गया में अफीम की अवैध खेती को लेकर डीएम ने अधिकारियों के साथ बैठक की. इस मौके पर उन्होंने इसे विनष्ट करने का निर्देश दिया. वहीं भूमि विवाद और खनन को लेकर भी उन्होंने निर्देश दिया है...पढ़िए आगे

Gaya News : गया डीएम ने अफीम के अवैध खेती पर रोक लगाने सहित कई मामले को लेकर की बैठक, अधिकारियों को दिए कई निर्देश
गया डीएम ने की बैठक - फोटो : manoj kumar

GAYA : जिला पदाधिकारी गया डॉ० त्यागराजन एसएम की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में गया जिला अन्तर्गत मादक पदार्थ/ अफीम के अवैध खेती/ व्यापार के रोकथाम एवं नियंत्रण, मद्द निषेध, खनन विभाग, भूमि विवाद इत्यादि बिंदुओं पर विस्तार से समीक्षा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की गई। जिला पदाधिकारी ने अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी शेरघाटी, भूमि सुधार उप समाहर्ता शेरघाटी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी शेरघाटी तथा जिला वन पदाधिकारी को सख्त हिदायत दिया कि हर हाल में अभियान चलाकर तेजी से अफीम की खेती का विनष्टीकरण कार्य करावे। अभी प्रारंभिक समय है कि आसानी से अफीम को नष्ट किया जा सकता है। इसके लिये सभी संबंधित पदाधिकारी/ एजेंसी को एक टीम वर्क के रूप में कार्य करना पड़ेगा।

ज़िला पदाधिकारी ने सहायक आयुक्त उत्पाद को नोडल बनाते हुए निर्देश दिया कि शेरघाटी अनुमंडल के विभिन्न क्षेत्रों में ड्रोन के माध्यम से जीपीएस युक्त सर्वे कराएं तथा जीपीएस फ़ोटो के आधार पर जमीन मालिक को चिन्हित करते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई करे। साथ ही पर्याप्त संख्या में जेसीबी ट्रैक्टर सहित अन्य लॉजिस्टिक्स अगले दो दिनों के अंदर चिन्हित करते हुए विनष्टीकरण का कार्य प्रारंभ करने का निर्देश दिए हैं। प्रतिदिन टीम लगाकर अभियान चलाकर लगातार नष्ट करवाये। उन्होंने बताया कि शेरघाटी अनुमंडल के विभिन्न क्षेत्र में विशेष कर इमामगंज एव बाराचट्टी के क्षेत्र में लगभग 1300 एकड़ से ऊपर के सरकारी जमीन, वन विभाग के जमीन एवं रैयती जमीन में अफीम की खेती की जाती है। वन भूमि वाले जमीन पर वन विभाग की ओर से प्राथमिक की दर्ज की जाएगी। सरकारी भूमि पर अफीम की खेती करने वालों के विरुद्ध अंचल अधिकारी के स्तर से एफआईआर की दर्ज की जाएगी तथा प्राइवेट भूमि वाले पर जमीन मालिक पर प्राथमिक की जाएगी। हर हाल में नामजद प्राथमिक की दर्ज करने का निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि वैसे व्यक्ति जो अफीम की खेती करवाते हैं या बड़े माफिया है उन पर विशेष रूप से फोकस कर उन पर प्राथमिक दर्ज करते हुए कानूनी कार्रवाई करें। पिछले वर्ष कई एकड़ में बड़े पैमाने पर वन विभाग एवं कृषि विभाग द्वारा अलग-अलग प्रकार के पेड़ पौधे उसी स्थान पर लगाए गए थे। इसके अलावा कृषि विभाग द्वारा उन क्षेत्रों में वैकल्पिक खेती भी करवाई गई थी। ताकि लोग इस मादक पदार्थ की खेती नहीं कर सके। इस वर्ष अफीम की खेती को नष्ट करने में किसी भी स्तर पर कोई कोताही नहीं बरते।

समीक्षा के दौरान जिला पदाधिकारी ने बताया कि वन भूमि तथा  गैर वन भूमि क्षेत्र में, जहाँ भी अफीम का पौधा है, उसे चिन्हित कर नष्ट करवाये। उन्होंने जिला वन पदाधिकारी को निर्देश दिया कि अफीम के फसल को नष्ट करने के दौरान केमिकल का छिड़काव स्प्रे करवाये, ताकि दुबारा मादक फसल उपज नही हो सके। उन्होंने कहा कि अफीम की खेती में प्रयोग आने वाले गैर वन भूमि वाले क्षेत्र के जमीन मालिक तथा खेती करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध  नामयुक्त (बाय नेम) प्राथमिकी दर्ज करें तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी यह सुनिश्चित कराएंगे की उनकी गिरफ्तारी त्वरित गति से हो। उन्होंने कहा कि अफीम की खेती से जुड़े हुए व्यक्तियों का प्राथमिकी दर्ज करने में किसी प्रकार की कोई कोताही बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, यह सभी संबंधित पदाधिकारी सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि कंबाइंड ऑपरेशन चलाने के लिए सभी पारा मिलिट्री फोर्स का भी प्रयोग किया जाएगा।ज़िला पदाधिकारी ने कहा कि सख्ती से लगातार सघन अभियान चलाने का सख्त हिदायत दिया। उन्होंने जिला वन पदाधिकारी को निर्देश दिया कि वन विभाग की वैसे क्षेत्र जहां अफीम की खेती को नष्ट किया जा रहा है।

खनन विभाग के समीक्षा के दौरान जिला पदाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिया कि जहां भी बालू खनन किया जा रहा है उस स्थान पर खनन विभाग द्वारा निर्गत चेकलिस्ट के अनुसार नियमित जांच अपेक्षित है। अगर चेकलिस्ट के बाहर यदि खनन होता है, तो संबंधित संवेदक के विरुद्ध कार्रवाई करें। प्रत्येक सप्ताह के दो दिन अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी संयुक्त रूप से छापेमारी अभियान चलावे इसके अलावा नियमित तौर पर खनन विभाग एवं स्थानीय पदाधिकारी लगातार प्रभावी छापेमारी अभियान चलावे। खनन विभाग के पदाधिकारी को क्षेत्र का बंटवारा कर टीम बनाएं एवं छापामारी करवाये। भूमि विवाद के समीक्षा के दौरान जिला पदाधिकारी ने निर्देश दिया कि प्रत्येक शनिवार को थाना स्तर पर होने वाले जनता दरबार की सुनवाई पूरी प्रभावी रूप से करें। गया जिला में सिचाई पूरी तरह आहर पोखर पइन पर निर्भर है। इसे देखते हुए सरकारी जितने भी जल संचयन संरचनाओं हैं यदि अतिक्रमण हो रहे हैं तो उसे तुरंत अतिक्रमण वाद चलकर निपटारा करें। मद्द निषेध एवं उत्पाद विभाग के समीक्षा के दौरान निर्देश दिया कि शराब विनष्टीकरण में तेजी लावे। थाना स्तर पर लिस्ट बनाएं पूर्व में जो विनष्टीकरण का आदेश पारित है उसे हर हाल में नष्ट करें। डोभी चेक पोस्ट पर सतत निगरानी अति आवश्यक है। जिला पदाधिकारी ने अपर समाहर्ता विधि व्यवस्था को निर्देश दिया की औचक निरीक्षण हर हाल में नियमित तौर पर करें। वहां लगाए गए सीसीटीवी का गहन जांच भी करें। समीक्षा बैठक में जिला वन पदाधिकारी, अपर पुलिस अधीक्षक, नगर पुलिस उपाधीक्षक, अपर समाहर्ता विधि व्यवस्था, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से उपस्थित सभी अनुमंडल पदाधिकारी, सभी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, सभी अंचलो के अंचलाधिकारी, सभी थानों के थाना प्रभारी तथा अफीम से संबंधित पदाधिकारी गण उपस्थित थे।

गया से मनोज की रिपोर्ट

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