BIHAR ROAD CONSTRUCTION - 15 साल में 17 किमी बाइपास का निर्माण नहीं करा पाई बिहार सरकार, अब जमीन अधिग्रहण का काम हुआ पूरा, दूर होगी परेशानी
BIHAR ROAD CONSTRUCTION - हाजीपुर-मुजफ्फरपुर के बीच 15 साल से बन रहे बाइपास निर्माण को लेकर आखिरी परेशानी खत्म कर दी गई है। सड़क निर्माण को लेकर प्रशासन ने जमीन अधिग्रहण के काम को पूरा कर लिया है। अब काम में तेजी आएगी।
MUZAFFARPUR - हाजीपुर-मुजफ्फरपुर के बीच बन रहे बाइपास के निर्माण को लेकर भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा कर लिया गया है। इस बात की जानकारी जिले में संचालित परियोजनाओं की समीक्षा बैठक में दी गई। जहां बताया गया कि बाइपास निर्माण के लिए अधिग्रहित भूमि मालिकों को मुआवजे का भुगतान भी कर दिया गया है। माना जा रहा है कि अब इस सड़क के निर्माण में तेजी आएगी।
बता दें कि वर्ष 2010 में इस बाइपास को बनाने का निर्णय लिया गया था, लेकिन काम 2012 से शुरू हुआ। जिसकी कुल लंबाई 17 किलोमीटर है। इसपर एनएचएआई के द्वारा करीब 200 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए हैं। फिर करीब तीन-चार साल तक भूमि अधिग्रहण से संबंधित मामला कोर्ट में होने के कारण कार्य पूरी तरह बंद हो गया। वर्ष 2021-22 में कोर्ट के आदेश पर अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हुई और रैयतों को भुगतान किया गया। इसके बाद तेजी से काम शुरू हुआ।
90 परसेंट सड़क निर्माण का कार्य हुआ पूरा
मुजफ्फरपुर-हाजीपुर बाईपास का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। इस बाईपास का लगभग 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। फिलहाल कपरपुरा के पास आरओबी पर गर्डर लॉन्चिंग का काम शेष है। इसके अलावा, पकड़ी पकोही के पास बने रहे ओवरब्रिज के एक लेन में भी काम जारी है।
रैयतों को 199.45 करोड़ रुपये का भुगतान
इस परियोजना के लिए करीब 36 मौजा में लगभग 124 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है। प्रभावित रैयतों को 199.45 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया है। अब एनएचएआई को इस भूमि का दखल कब्जा भी दिला दिया गया है।
बता दें कि इस फोरलेन के बनने से पटना-हाजीपुर की ओर से मोतिहारी-सीतामढ़ी और दरभंगा जाने वाले वाहनों को रामदयालु-भगवानपुर होकर जाने की आवश्यकता नहीं होगी। वे इस बाइपास से सदातपुर निकलकर फोरलेन से गंतव्य की ओर जा पाएंगे। उस ओर से आने वाले वाहन भी सीधे पटना-हाजीपुर जा सकेंगे।