PATNA HIGHCOURT NEWS - व्यक्ति का आर्म्स लायसेंस के आवेदन सिर्फ इसलिए रद्द नहीं कर सकते कि आवेदक को जान का खतरा नहीं - हाईकोर्ट
PATNA HIGHCOURT NEWS – हाईकोर्ट ने आज अपने बड़े फैसले में साफ कर दिया कि जान का खतरा नहीं होने पर आर्म्स लाइसेंस का आवेदन रद्द नहीं कर सकते हैं। कोर्ट ने इसके लिए पेशे को भी ध्यान रखने को कहा
PATNA - पटना हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण में ये स्पष्ट किया है कि किसी व्यक्ति का आर्म्स लायसेंस हेतु दायर आवेदन केवल इसलिए रद्द नहीं किया जा सकता है कि आवेदक को जान का कोई खतरा नहीं है। जस्टिस मोहित कुमार शाह ने रंजन कुमार मंडल की रिट याचिका को स्वीकृत करते हुए यह निर्णय सुनाया।
याचिकाकर्ता के वकील रंजीत कुमार सिंह ने कोर्ट को बताया कि रंजन एक रिटायर्ड फौजी है और भारतीय सेना की सेवा निवृति के बाद केंद्र सरकार ने उसे एक पेट्रोल पंप आवंटित किया गया था।
परबत्ता थाने के समीप हाईवे पर इस पेट्रोल पंप की सुरक्षा हेतु रंजन ने आर्म्स लाइसेंस हेतु आवेदन , खगड़िया जिला अधिकारी को दिया। इसे सिर्फ इस बात पर अस्वीकृत कर दिया गया कि पुलिस रिपोर्ट में बताया गया है कि रंजन को जान का कोई खतरा नहीं है।डीएम के आदेश के खिलाफ रंजन ने मुंगेर के आयुक्त के समक्ष अपील किया जिसे 15/11/2019 को उक्त पुलिस रिपोर्ट के आधार पर खारिज कर दिया गया ।
हाई कोर्ट ने यह तय किया कि केवल जान के खतरे को केंद्र में रखते हुए शस्त्र अनुज्ञप्ति के आवेदन को खारिज करना केंद्र सरकार की नई शस्त्र नियमावली 2016 के प्रावधान के खिलाफ है। इस नियमावली में आवेदक के पेशे अथवा व्यापार का मूल्यांकन करना भी जरूरी है, जिसकी सुरक्षा हेतु शस्त्र जरूरी होता