Bihar Police: बिहार पुलिस के ASI पर लगा 1 लाख रुपए का जुर्माना, इस मामले में हुई बड़ी कार्रवाई
Bihar Police: बिहार पुलिस के एएसआई पर फैमिली कोर्ट ने 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने यह कार्रवाई परिवार के भरण-पोषण के लिए दायर याचिका मामले में की है।
Bihar Police: सुपौल परिवार न्यायालय ने दरभंगा में पदस्थापित एक एएसआई रासलाल यादव पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना उनकी पत्नी और बच्चों को गुजारा भत्ता नहीं देने के मामले में लगाया गया है। दरअसल, एएसआई रासलाल यादव की पत्नी असलता देवी ने आरोप लगाया है कि उनके पति ने बेटा न होने पर उन्हें घर से निकाल दिया था। उन्होंने परिवार न्यायालय में भरण-पोषण के लिए याचिका दायर की थी।
क्या है मामला?
सुपौल के निर्मली थाना क्षेत्र अंतर्गत महुआ निवासी असलता देवी ने अपनी दो बेटियों के साथ मिलकर एएसआई रासलाल यादव के खिलाफ परिवार न्यायालय में भरण-पोषण का मुकदमा दायर किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके पति ने बेटा न होने पर उन्हें मारपीट कर घर से निकाल दिया है और उन्हें और उनकी बेटियों को कोई आर्थिक मदद नहीं कर रहे हैं।
कोर्ट का फैसला
परिवार न्यायालय ने एएसआई के खिलाफ यह फैसला सुनाते हुए कहा कि उन्होंने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया है। कोर्ट ने एएसआई को आदेश दिया था कि वह अपनी पत्नी और बच्चों को हर महीने 6 हजार रुपये गुजारा भत्ता दें, लेकिन उन्होंने यह राशि नियमित रूप से नहीं दी।
एएसआई पर क्या कार्रवाई होगी?
कोर्ट ने एएसआई रासलाल यादव को 20 जनवरी 2025 को कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया है। साथ ही कोर्ट ने दरभंगा के एसपी और डीआईजी को भी इस आदेश की प्रति भेजी है और उनसे आदेश का पालन कराने को कहा है। अगर एएसआई इस आदेश का पालन नहीं करते हैं तो कोर्ट उनके खिलाफ डिस्ट्रेस वारंट जारी कर सकता है।
क्या कहा पीड़ित पत्नी ने?
पीड़ित पत्नी असलता देवी ने बताया कि रासलाल यादव ने दूसरी शादी कर ली है। उन्होंने कोर्ट से न्याय की उम्मीद जताई है। बताया जा रहा है कि कोर्ट ने 7 सितंबर 2015 को ही मामले में पति को 6 हजार रुपए प्रतिमाह अंतरिम मेंटेनेंस भुगतान आवेदक को भुगतान का आदेश दिया था। यह आदेश वर्ष 2014 से ही प्रभावी है। लेकिन विपक्षी की ओर से 7 नवंबर 2024 तक महज 4 लाख 76 हजार रुपए का भुगतान किया गया। यह भुगतान भी नियमित नहीं था। 7 नवंबर तक एक लाख 40 हजार रुपए बकाया होने के बाद मामला दोबारा कोर्ट के संज्ञान में लाया गया, जिसके बाद कोर्ट ने इसका संज्ञान लिया है।