सर्दी के मौसम में तंदुरुस्ती बनाए रखने के लिए आयुर्वेदिक सुझाव
सर्दी के मौसम में खुद को तंदुरुस्त बनाए रखने के लिए खास ध्यान रखना जरूरी है। आयुर्वेद के अनुसार, सर्दियों में कुछ आहार और आदतों से बचना चाहिए, जो हमारे शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं।
सर्दी का मौसम आते ही शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सही आहार की आवश्यकता होती है। आयुर्वेद के अनुसार, सर्दी में कुछ खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए, ताकि शरीर में गर्मी और बैलेंस बना रहे। विशेषज्ञों का कहना है कि सर्दी में चावल, दही, बासी खाना और शाम को फल खाने से बचना चाहिए।
आयुर्वेद में दही को ठंडी तासीर वाला माना गया है, जिससे सर्दियों में कफ और पित्त बढ़ सकता है, खासकर अगर किसी को पहले से सांस या पेट से जुड़ी समस्याएं हैं। इसके अलावा, सर्दी में नए चावल और बासी भोजन से भी बचना चाहिए क्योंकि ये पाचन को प्रभावित कर सकते हैं और शरीर में टॉक्सिन्स का निर्माण कर सकते हैं।
आयुर्वेदिक आहार का पालन करना बहुत फायदेमंद
इस मौसम में ड्राई फ्रूट्स का सेवन बढ़ाने की सलाह दी जाती है, लेकिन कुछ ड्राई फ्रूट्स डाइयूरेटिक होते हैं, जो यूरिन की अधिकता का कारण बन सकते हैं, इसलिए इनका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। सर्दी में पाचन तंत्र को मजबूत और शरीर को गर्म रखने के लिए आयुर्वेदिक आहार का पालन करना बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है।
ड्राई फ्रूट्स डाइयूरेटिक होते हैं
सर्दी के मौसम में सही आहार चुनने से शरीर को अतिरिक्त ऊर्जा मिलती है और आपकी इम्यूनिटी मजबूत रहती है। आयुर्वेद के मुताबिक, सर्दी में चावल और नए चावल का सेवन कम करना चाहिए, जबकि ड्राई फ्रूट्स का सेवन बढ़ाना चाहिए। हालांकि, कुछ ड्राई फ्रूट्स डाइयूरेटिक होते हैं, इसलिए इनका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। इसके अलावा, दही, बासी खाना और शाम में फल खाने से बचने की सलाह दी जाती है। इन आयुर्वेदिक उपायों का पालन करके हम सर्दियों में भी स्वस्थ और तंदुरुस्त रह सकते हैं।