विंटर डिप्रेशन का शिकार तो नहीं हो रहे हैं आप? जानिए लक्षण और बचने के उपाय

सर्दियों में ठंडा मौसम और कम धूप कई बार उदासी और तनाव का कारण बन सकते हैं। इसे सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (SAD) या विंटर डिप्रेशन कहते हैं। यह डिप्रेशन के लक्षणों जैसा मानसिक स्वास्थ्य मुद्दा है। जानें इसके कारण, लक्षण और बचाव के उपाय।

विंटर डिप्रेशन

विंटर डिप्रेशन, जिसे सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (SAD) भी कहते हैं, एक मानसिक स्वास्थ्य समस्या है, जो मुख्यतः सर्दियों के मौसम में होती है। यह ठंड के शुरुआती महीनों से लेकर सर्दियों के अंत तक रह सकती है। इसके कारण व्यक्ति में उदासी, चिड़चिड़ापन और ऊर्जा की कमी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।


विंटर डिप्रेशन क्यों होता है?

सर्दियों में सूरज की रोशनी कम होने से शरीर में मेलाटोनिन हॉर्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जो नींद को नियंत्रित करता है। इससे थकान और उदासी महसूस होती है। साथ ही, कम धूप के कारण विटामिन D का स्तर गिर जाता है, जिससे मूड पर नकारात्मक असर पड़ता है।


लक्षणों की पहचान

उदासी और चिड़चिड़ापन

सामान्य से अधिक सोना

वजन बढ़ना या भूख अधिक लगना

ऊर्जा की कमी

दोस्तों और परिवार से दूरी बनाना


कैसे करें बचाव?

सूरज की रोशनी लें: दिन में कम से कम 15-30 मिनट धूप में बैठें।

हेल्दी डाइट: विटामिन D से भरपूर भोजन जैसे अंडा, दूध, और हरी सब्जियां खाएं।

व्यायाम करें: रोजाना 30 मिनट वर्कआउट तनाव को कम करने में मदद करता है।

नींद का ख्याल रखें: नियमित रूप से 7-8 घंटे की नींद लें।

लाइट थेरेपी अपनाएं: एक विशेष प्रकार की तेज रोशनी का उपयोग SAD से राहत दे सकता है।

मनोचिकित्सक से मिलें: अगर लक्षण गंभीर हो जाएं तो डॉक्टर की सलाह लें।


सर्दियों का आनंद लेने के लिए मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना जरूरी है। सही जीवनशैली, स्वस्थ भोजन और व्यायाम से विंटर डिप्रेशन को हराया जा सकता है।


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