Bihar Police:शूटर सेल की घोषणा के 24 घंटे में दो मर्डर, पटना में खून-खराबे का खौफनाक तांडव, पारस अस्पताल बना 'क्राइम जोन'

Bihar Police:बिहार पुलिस ने दावा किया था कि सुपारी किलरों पर नकेल कसी जाएगी। लेकिन शुरुआत ही खून की नदियों से हुई। अब सवाल ये है कि सिस्टम चल रहा है या अपराधी?

shooter cell
शूटर सेल की घोषणा के 24 घंटे में दो मर्डर- फोटो : reporter

Bihar Police: राजधानी पटना में गुरुवार की सुबह खून से लथपथ होकर निकली, जब महज कुछ ही घंटों में दो अलग-अलग हत्याओं ने बिहार पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था की चूलें हिला दीं। बुधवार को पुलिस ने 'शूटर सेल' बनाने का ऐलान किया, लेकिन गुरुवार को अपराधियों ने पुलिस की रणनीति पर ऐसा तमाचा मारा कि पूरा सिस्टम सन्न रह गया।

पहला मर्डर हुआ दानापुर के हथियाकांध इलाके में, जहां 20 साल के शिवम उर्फ बंटी की धारदार हथियार से निर्मम हत्या कर दी गई। अपराधियों ने घर के पास ही उसे घेरकर कई बार काटा। खून से सना शव जब सड़क पर मिला तो इलाके में कोहराम मच गया। मृतक राकेश सिंह का बेटा था, और घटना के पीछे आपसी रंजिश या गिरोहबाज़ी की बात सामने आ रही है। मौके पर पहुंची पुलिस बस फॉर्मेलिटी करती दिखी – न कोई सुराग, न कोई गिरफ्तारी।

लेकिन पटना की सड़कों पर खून अभी सूखा भी नहीं था कि शास्त्रीनगर स्थित पटना के नामी पारस अस्पताल में दिनदहाड़े दूसरा मर्डर हो गया। इस बार शिकार बना बेउर जेल का कैदी चंदन मिश्रा, जो पैरोल पर बाहर आकर इलाज के लिए आईसीयू में भर्ती था। चार हथियारबंद शूटर अस्पताल में घुसे, गोली मारी और भीड़भाड़ के बावजूद फरार हो गए। न सिक्योरिटी ने रोका, न पुलिस को भनक लगी।

चंदन मिश्रा का नाम पटना के अपराध जगत में पहले से कुख्यात रहा है। उसका नाम कुख्यात शेरू के साथ मिलकर कई अपराधों में जुड़ा रहा है। सवाल ये है कि जेल से बाहर आए इस अपराधी की जान खतरे में थी, फिर भी कोई सुरक्षा नहीं दी गई?

पारस अस्पताल मर्डर के बाद राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालों का पहाड़ टूट पड़ा है। एक वीआईपी एरिया में, एक बड़े अस्पताल के आईसीयू में मर्डर और हत्यारे फरार – क्या यही है पटना की लॉ एंड ऑर्डर की तस्वीर?शूटर सेल बनाकर बिहार पुलिस ने दावा किया था कि सुपारी किलरों पर नकेल कसी जाएगी। लेकिन शुरुआत ही खून की नदियों से हुई। अब सवाल ये है कि सिस्टम चल रहा है या अपराधी?