Bihar News: 1500साल पुराना 'श्री बुढ़वा महादेव' मंदिर और 10 दिन में ढह गया चबूतरा, मंत्री के काम में निकली दरार

मंत्री और जिले के स्थानीय विधायक मोहम्मद जमा खान द्वारा मंदिर परिसर में लगभग दो लाख रुपये की लागत से एक चबूतरा बनवाया गया था। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि महज़ दस दिन के भीतर ही यह चबूतरा दरक गया और टूट गया।...

मंत्री के काम में निकली दरार- फोटो : reporter

Bihar News: कैमूर जिले के भगवानपुर प्रखंड स्थित सरैया गांव में मौजूद ‘श्री बुढ़वा महादेव’ मंदिर सिर्फ आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि इतिहास का जीवित प्रतीक भी है। बताया जाता है कि यह प्राचीन शिव मंदिर करीब 1500 वर्ष पुराना है, जिसे अंग्रेज़ों के जमाने से पहले नहर की खुदाई के दौरान एक शिवलिंग के रूप में खोजा गया था। स्थानीय ग्रामीणों ने उस शिवलिंग को स्थापित कर मंदिर का रूप दिया और तब से यहां पूजा-पाठ और सावन में विशेष धार्मिक आयोजन होते आ रहे हैं।

आज यह स्थान पूरे कैमूर जिले के श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केन्द्र बन चुका है, जहां सावन में भक्तों का जनसैलाब उमड़ता है। इस मंदिर का निर्माण ग्रामीणों और जिलेवासियों द्वारा चंदा इकट्ठा कर कराया जा रहा है, जिसे वे अपनी मेहनत और श्रद्धा से एक दिव्य स्वरूप दे रहे हैं।

लेकिन इस श्रद्धा के प्रतीक स्थल पर सरकारी निर्माण कार्य की लापरवाही ने आस्था को आघात पहुँचाया है। बिहार सरकार में मंत्री और जिले के स्थानीय विधायक मोहम्मद जमा खान द्वारा मंदिर परिसर में लगभग दो लाख रुपये की लागत से एक चबूतरा बनवाया गया था। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि महज़ दस दिन के भीतर ही यह चबूतरा दरक गया और टूट गया।

ग्रामीणों में इस कृत्य को लेकर भारी नाराजगी है। स्थानीय निवासी राम किशोर कुशवाहा और बृज कुमार कुशवाहा ने मीडिया को बताया कि ये 1500 साल पुराना स्थल है। शिवलिंग खुदाई से मिला था। ऐसे स्थान पर घटिया निर्माण कर श्रद्धालुओं की भावना से खिलवाड़ किया गया है। क्या भगवान के नाम पर भी घोटाले होंगे?

ग्रामीणों का आरोप है कि यह कार्य भ्रष्टाचार और निर्माण में अनियमितता का नतीजा है। जहां मंदिर के लिए लोग पाई-पाई जोड़कर चंदा दे रहे हैं, वहीं सरकारी फंड से बने चबूतरे की उम्र महज़ 10 दिन निकली।

अब सवाल उठता है कि क्या भगवान के दरबार में भी ठेकेदारी हावी हो गई है?  क्या आस्था का अपमान अब 'लागत' में नापा जाएगा?ग्रामीणों ने मंदिर में घटिया कार्य की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। क्योंकि ‘बुढ़वा महादेव’ की भूमि पर अनियमितता सिर्फ निर्माण में नहीं, बल्कि श्रद्धा को ठेस पहुंचाने के बराबर है।

रिपोर्ट- देवव्र तिवारी