Bihar News: बिहार के न्यायालयों में ठप हुआ कामकाज, कर्मचारियों ने शुरू की अनिश्चितकालीन कलमबंद हड़ताल, जानिए क्यों शुरू हुआ आंदोलन
बिहार की अदालतों में गुरुवार को बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के बैनर तले अनिश्चितकालीन कलमबंद हड़ताल शुरू हुई. इस कारण राज्य के तमाम न्यायालयों में कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुआ है.
Bihar News: बिहार के न्यायालयों में गुरुवार को कामकाज बुरी तरह ठप हो गया. बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के आह्वान पर बुलाए गए अनिश्चितकालीन कलमबंद हड़ताल की 16 जनवरी से शुरुआत हुई. अपनी चार प्रमुख मांगों को लेकर संघ द्वारा यह हड़ताल की गई है. पटना सहित राज्य के तमाम व्यवहार न्यायालयों के कर्मचारी इस हड़ताल के समर्थन में प्रदर्शन में शामिल हैं.
वेतन विसंगति, प्रमोशन में देरी, अनुकंपा नियुक्ति और कोर्ट मैनेजर के पद पर सीधी भर्ती जैसे मुद्दों पर बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के बैनर तले यह हड़ताल शुरू हुई है.
संघ के सचिव सत्यार्थ कुमार के अनुसार 2 जनवरी को हुई बिहार राज्य न्यायालय कर्मचारी संघ की बैठक में चार मांगों को लेकर हड़ताल 16 जनवरी से करने का निर्णय लिया गया था. संघ ने अपनी मांगों में प्रमुख रूप से चार मांगों को रखा है. इसमें वेतन विसंगतियों को जल्द से जल्द दूर करने, सभी तृतीय और चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों की शीघ्र पदोन्नति करने, शत प्रतिशत अनुकम्पा पर बहाली करने और विशेष न्यायिक कैडर लागु करने की मांग रखी गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश
संघ की महिला उपाध्यक्ष जया प्रभा ने बताया कि चार सूत्री मांगों के समर्थन में सूबे के सभी 38 जिलों के सिविल कोर्ट और अनुमंडल कोर्ट के सभी कर्मचारी न्यायिक कार्य से अलग रहकर अपना कलमबंद अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. कर्मचारियों की सबसे बड़ी मांग वेतन विसंगति दूर करने की है.
संघ के अनुसार सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद उन्हें उचित वेतन नहीं मिल रहा है. उनकी मांग है कि सचिवालय सहायक के बराबर वेतनमान दिया जाए. वहीं 1 अप्रैल 2003 से सभी प्रमोशन का लाभ और बकाया भुगतान करने की मांग शामिल है. संघ का कहना है कि वेतन बढ़ोतरी के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 7 अक्टूबर 2009 और 16 मार्च 2015 को भी आदेश दिए थे, लेकिन उसे क्रियान्वित नहीं किया गया.
कलमबंद हड़ताल का मतलब
कलमबंद हड़ताल का मतलब होता है कि काम नहीं करना. यह आमतौर पर प्रबंधन के खिलाफ हड़ताल करना होता है. इसलिए हड़ताल पर रहने के दौरान कार्यरत कर्मचारी लेखन का कुछ काम नहीं करते हैं. इसे ही पेन डाउन स्ट्राइक या कलमबंद हड़ताल कहते हैं.