Katihar News: कटिहार का करोड़ों का मॉडल बस स्टैंड बना खंडहर, जनता परेशान, प्रशासन बेपरवाह

Katihar News:कटिहार जिले के उदामा रेखा इलाके में करोड़ों की लागत से बने मॉडल बस स्टैंड की हालत आज किसी खंडहर से कम नहीं है।

कचरे के ढेर में तब्दील हुआ विकास का सपना - फोटो : reporter

Katihar News:कटिहार जिले के उदामा रेखा इलाके में करोड़ों की लागत से बने मॉडल बस स्टैंड की हालत आज किसी खंडहर से कम नहीं है। जिस बस स्टैंड का मुख्यमंत्री द्वारा 24 दिसंबर 2016 को बड़े तामझाम के साथ ऑनलाइन उद्घाटन किया गया था, वह सात साल बाद भी शुरू नहीं हो सका है। नगर निगम की जमीन पर बना यह बस स्टैंड अब कबाड़ और कचरे का डंपिंग पॉइंट बनकर रह गया है।

स्थानीय लोग बताते हैं कि शुरुआती दौर में इस परियोजना से उन्हें उम्मीद थी कि शहर में ट्रैफिक की समस्या दूर होगी, व्यवस्थित यातायात मिलेगा और रोज़गार के अवसर भी बनेंगे। लेकिन आज हालत यह है कि भवन जर्जर हो चुका है, खिड़कियां टूटी हैं और परिसर में घास-पात उग आया है।

सबसे गंभीर पहलू यह है कि बस स्टैंड के ठीक बगल में नगर निगम का कचरा डंपिंग ज़ोन है, जिससे हर वक्त दुर्गंध और गंदगी का वातावरण बना रहता है। लोगों के स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है, मच्छरों और मवेशियों का डेरा लग गया है, लेकिन प्रशासन आंख मूंदे बैठा है। स्थानीय निवासियों ने कई बार नगर निगम, जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन से शिकायत की, लेकिन हर बार उन्हें सिर्फ आश्वासन मिला कि कार्रवाई कभी नहीं हुई।

जब इस मुद्दे पर नगर आयुक्त से सवाल पूछा गया, तो उन्होंने जवाब दिया कि “गौशाला के पास रेलवे फ्लाईओवर का निर्माण जैसे ही पूरा होगा, बस स्टैंड को वहां शिफ्ट कर दिया जाएगा।” साथ ही उन्होंने कहा कि, “यह एरिया पहले से ही डंपिंग ज़ोन है, इसलिए कचरा यहीं डंप किया जा रहा है, दुर्गंध दूर करने के लिए प्रोसेसिंग की कोशिश होती रहती है।”

प्रशासन के इस लचर रवैये से स्थानीय जनता में नाराज़गी गहरी होती जा रही है। करोड़ों खर्च कर बना बस स्टैंड यदि केवल मलबे और गंध में तब्दील हो जाए, तो सवाल उठता है — क्या यह सिर्फ एक विकास का दिखावा था? अब जनता जानना चाहती है कि आखिर इस विकास योजना की जिम्मेदारी किसकी है, और कब तक यह उपेक्षा यूं ही चलती रहेगी?

रिपोर्ट- श्याम कुमार सिंह