Bihar: लोन दिलाने के बहाने महिलाओं से लाखों वसूले, रातों-रात गायब हुई फाइनेंस कंपनी
Bihar: मधेपुरा में लोन देने के नाम पर महिलाओं से लाखों की ठगी का मामला सामने आया है। फाइनेंस कंपनी के एजेंटों ने कई पंचायतों की महिलाओं से रुपये वसूले और दस्तावेज लिए, फिर अचानक दफ्तर बंद कर फरार हो गए।

मधेपुरा ज़िले के मुरलीगंज अनुमंडल क्षेत्र में एक फर्जी फाइनेंस कंपनी ने लोन दिलाने के नाम पर सैकड़ों महिलाओं को ठगी का शिकार बना डाला। मामला तब सामने आया जब कोल्हायपट्टी पंचायत निवासी अनिल कुमार यादव ने मुरलीगंज थाना में आवेदन देकर आरोप लगाया कि उनकी पंचायत की 10 महिलाओं से एक एजेंट द्वारा 3500 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से राशि वसूली गई।
अनिल यादव के अनुसार, फर्जी कंपनी ने पहले महिलाओं को एक स्व-सहायता समूह में जोड़ा और आधार कार्ड, पासबुक और फोटो लेकर कहा कि सभी दस्तावेज़ कंपनी को भेजे जा चुके हैं। महिलाओं को यकीन दिलाया गया कि कुछ ही दिनों में लोन की राशि उनके खाते में भेज दी जाएगी। लेकिन जब तय समय पर कोई लोन नहीं आया और महिलाएं जानकारी लेने कंपनी के कार्यालय पहुँचीं, तो वहाँ ताला लटका मिला।
कुमारखंड, जानकीनगर और रघुनाथपुर की महिलाएं भी बनीं शिकार
यह ठगी केवल कोल्हायपट्टी तक सीमित नहीं रही। अनिल यादव ने बताया कि जानकीनगर, कुमारखंड, खुर्दा और रघुनाथपुर पंचायत की कई अन्य महिलाएं भी इसी तरीके से ठगी गई हैं। सभी से इसी मॉडल पर पैसे लिए गए और लोन की उम्मीद बंधाई गई। अनुमान है कि कुल ठगी की राशि पांच लाख रुपये से अधिक हो सकती है।
महिलाओं की गाढ़ी कमाई पर चला गया पानी, पीड़ितों ने की सख्त कार्रवाई की मांग
पीड़ित महिलाओं ने बताया कि उन्होंने यह राशि घर की जरूरतें पूरी करने और छोटे व्यापार शुरू करने की उम्मीद में दी थी। किसी ने बकरी पालन के लिए, तो किसी ने घर में सिलाई मशीन खरीदने के लिए लोन की योजना बनाई थी। लेकिन अब सभी परिवार कर्ज में डूब गए हैं और मानसिक रूप से टूट चुके हैं।
फरार हैं एजेंट और शाखा प्रबंधक, पुलिस ने जांच शुरू की
मुरलीगंज थानाध्यक्ष अजीत कुमार ने बताया कि उन्हें आवेदन प्राप्त हुआ है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस कंपनी और उसके कथित कर्मचारियों की पहचान करने में जुटी है। थानाध्यक्ष ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी फाइनेंस कंपनी से डील करते समय पूरी तरह से जानकारी और पंजीकरण की पुष्टि करें।