Bihar News : मोतिहारी में नौकरी के नाम पर शातिर बदमाशों ने 90 युवकों को बनाया बंधक,पुलिस ने पीड़ितों का किया रेस्क्यू, 11 ठगों को किया गिरफ्तार

Motihari : मोतिहारी पुलिस ने नौकरी का सपना दिखाकर युवाओं से लाखों की ठगी करने और बंधक बनाकर काम कराने वाले  DBR गिरोह के नए ठिकानों पर बड़ी कारवाई किया है। छतौनी थाना क्षेत्र के छोटा बरियारपुर गांव स्थित शंभु साह के मकान में चल रहें गिरोह का खुलासा किया है। पुलिस टीम की 8 घंटे चली छापेमारी में पुलिस ने करीब 100 से ज्यादा बंधक बने युवाओं का रेस्क्यू किया। इसमें से 90 से अधिक ठगी के शिकार थे। वहीं, पुलिस ने मौके पर से 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि मास्टरमाइंड के नेटवर्क की तलाश जारी है। वहीं पुलिस ने छापेमारी के दौरान पुलिस ने युवकों को बंधक बनाकर रखें गए मकान से कुछ दूर कंपनी के कार्यालय पर भी छापेमारी की। हालाँकि  पुलिस के आने के भनक लगते ही तालबंदी कर सभी फरार हो गए। पुलिस ने कार्यलय का ताला तोड़कर भारी मात्रा में अलग अलग कंपनी के प्रोडक्ट के साथ कई दस्तावेज को भी जप्त किया है।

सोशल मिडिया के जरिये युवाओं को झांसा

DBR गिरोह के मास्टर माइंड सोशल मिडिया के जरिए  युवाओं को लुभाते थे। फिर नौकरी और ट्रेनिंग किट के नाम पर युवकों से 25-25  हजार रुपए तक वसूलते थे। वहीं युवाओं को जबरन बंधक बनाकर उनसे कई कम्पनी के प्रोडक्ट को बेचने का काम करते थे। बिहार के अलावा अलग-अलग राज्यों के युवा नेटवर्किंग का काम यहां करते हैं, जो धोखाधड़ी का काम है।'

रक्सौल में छापेमारी के बाद DBR गिरोह का खुलासा

बता दें की कुछ हीं महीने पहले मोतिहारी के रक्सौल में  इस तरह के रैकेट का खुलासा हुआ था। जहाँ पुलिस और SSB के संयुक्त ऑपरेशन में DBR के ठिकानों पर छापेमारी हुई थी। जिसमें 400 से अधिक बंधक बने युवाओं का रेस्क्यू किया गया था और कई लोग गिरफ्तार भी हुए थे। लेकिन मास्टरमाइंड अब भी फरार है। 

DBR पर रक्सौल में कार्रवाई के बाद बदल लिया था नाम

बता दें की DBR गिरोह पर रक्सौल हुई कार्रवाई के बाद सरगना ने पुलिस से बचने के लिए कम्पनी का नाम बदल लिए था और अब Otamics के नाम पर बेरोजगार युवकों को ठगने और बंधक बनाकर का किया जाता था। उसके लिए ठगों ने मोतिहारी के बरियारपुर के एक बड़े मकान को अपना ठिकाना बनाया था।

बड़े मकान में 100 से अधिक लड़के रहते थे

गिरोह ने छतौनी थाना क्षेत्र के बरियारपुर स्थित शम्भू साह के मकान में करीब तीन वर्ष  पहले एक फ्लोर रेंट पर लिया था। बाद में उसने पूरी बिल्डिंग को भाड़े पर ले लिया। जिसमें करीब सौ से अधिक लड़के रहते थे।

एसपी ने कहा ठगी का मास्टरमाइंड इम्यूल हक

SP स्वर्ण प्रभात ने बताया, 'छतौनी थानाध्यक्ष सुनील कुमार को इसके बारे में गुप्त सूचना मिली थी कि शंभु साह के मकान में अवैध गतिविधि चल रही है। इस पूरे ठगी का मास्टरमाइंड इम्यूल हक है, जो पहले भी रक्सौल वाले में ठगी कर चुका है। सदर डीएसपी दिलीप सिंह के नेतृत्व में टीम गठित कर कार्रवाई की गई।

25 हजार लेकर थमाते थे 'किट'

SP स्वर्ण प्रभात ने बताया, ' फेसबुक मैसेंजर के जरिए युवाओं को नौकरी का लालच देता है। फंसने के बाद उनसे ट्रेनिंग के नाम पर 25 हजार रुपए वसूले जाते थे। गैंग रहने और खाने के अलग से पैसे लेती थी। एक कमरे में करीब 5 लोगों को रखा जाता था।'बदले में उन्हें 12, 15 और 25 हजार रुपए का एक किट थमा दिया जाता था, जिसमें एक पैंट का कपड़ा, दो टाई, एनर्जी वाली गोली और कुछ सामान होता था। इस गोली के बारे में बताया जाता था कि ये आपके स्वास्थ के लिए बहुत जरूरी और अच्छा है। हालांकि, इन सभी आइटम की असली कीमत हजार रुपए से ज्यादा की नहीं होती थी। युवाओं से कहा जाता था कि इसे बेचकर दिखाओ, तभी नौकरी पक्की होगी।

अलग अलग राज्यों के गरीब युवक हुए ठगी का शिकार

ठगी के शिकार युवक देश के कई अलग अलग राज्यों के है सारे युवा गरीब घर से जरूर हैं, लेकिन पढ़े लिखे हैं। युवाओं को कपड़ों को देखकर समझ आ गया था कि ये महंगे कपड़े नहीं हैं, इसलिए ये सभी ठगी के बारे में जान गए थे। इनमें से जिन युवाओं के 25-25 हजार रुपए देकर फंसे थे। उन्होंने पुलिस को थाने पर जाकर शिकायत की थी। जिसके बाद मामले का खुलासा हुआ। 

ठगी के शिकार युवाओं का खुलासा

रेस्क्यू किए गए एक युवक ने बताया, 'मैं 5 सितंबर को यहां पर आया था। मुझे अभी 7 दिन हुए हैं यहां पर रहे हुए। मुझे फैक्ट्री में काम दिलाने के नाम पर मेन्युप्लेट किया गया। जब मैं यहां पर आया तो मुझे एक-दो व्यक्ति कुछ-कुछ सीखने लगे। कैसे लोगों से बात करना है, क्या-क्या करना है। मैं 6 दिनों में समझ गया कि मुझे ये सारे काम नहीं करने हैं। मैं खुद ठगी का शिकार हो गया था, लेकिन मुझे दूसरे को नहीं फंसाना था। मुझसे नौकरी के नाम पर 25,600 रुपए लिए गए थे। कुछ युवा यहां पर कोलकाता से आए थे। कंपनी में नौकरी दिलाने का वादा कर पहले ट्रेनिंग के नाम पर पैसे लिए गए, फिर घटिया किट थमाकर बाहर निकलने से रोक दिया गया।'

आरोपियों से हो रही पूछताछ

साइबर DySp अभिनव पराशर ने कहा कि गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश जारी है। पुलिस ने युवाओं को सचेत रहने और संदिग्ध नौकरी प्रस्तावों से बचने की अपील की है।'

2 DYSP और भारी संख्या में पुलिस बल ने की छापेमारी

पुलिस को गुप्त सुचना मिलने के बाद एसपी स्वर्ण प्रभात ने सदर DYSP दिलीप कुमर और साइबर DYSP अभिनव प्रसार के नेतृत्व में छतौनी थानाध्यक्ष सुनील कुमार सहित सैकड़ो पुलिस बल एकाएक DBR जे ठिकानो की घेरा बंदी कर छापेमारी की।

मोतिहारी से हिमांशु की रिपोर्ट