Manrega Fraud: मनरेगा योजना में चल रहा था बड़ा फर्जीवाड़ा, खुलासा हुआ तो एक साथ इतने कर्मियों पर चला विभागीय डंडा,जानिए पूरा मामला

Manrega Fraud: सरकारी योजनाओं ने अक्सर गड़बड़ियों का मामला सामने आता रहता है। ताजा मामला मुजफ्फरपुर से सामने आया है। जहां मनरेगा में चल रहे बड़े फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ है। इस मामले में 14 रोजगार सेवकों पर कार्रवाई भी की गई है।

Manrega Fraud- फोटो : social media

Manrega Fraud: मुजफ्फरपुर जिले के छह प्रखंडों की कई पंचायतों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के कार्यों में गंभीर अनियमितताओं और फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई है। जांच में सामने आया है कि कई योजनाओं में एक ही तस्वीर को बार-बार अपलोड किया गया। वहीं कुछ स्थानों पर बिना मजदूरों के काम किए उपस्थिति दर्ज कराई गई।

डीडीसी की सख्त कार्रवाई

इन गड़बड़ियों की पुष्टि के बाद उप विकास आयुक्त (डीडीसी) श्रेष्ठ अनुपम ने सख्त कार्रवाई करते हुए 14 पंचायत रोजगार सेवकों के मानदेय में 5 प्रतिशत की कटौती का आदेश दिया है। साथ ही छह प्रखंडों के कार्यक्रम पदाधिकारियों पर एक-एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। योजना में लिप्त पाए गए मेटों को चयन मुक्त करने का निर्देश भी दिया गया है।

इन पंचायतों में मिली गड़बड़ी

कुढ़नी प्रखंड के शाहपुर मरीचा पंचायत की चार योजनाओं में फर्जी फोटो अपलोड की पुष्टि हुई। सरैया प्रखंड के अमैठा पंचायत की चार योजनाएं और बहिलवारा गोविंद व बहिलवारा रूपनाथ की एक-एक योजना में गड़बड़ी पाई गई। सकरा प्रखंड के सरैया, अख्तियारपुर परैया और किशुनपुर मोहनी पंचायतों में फोटो अपलोड में धोखाधड़ी सामने आई।  मोतीपुर प्रखंड के रापुर भेड़याही, महिमा गोपीनाथपुर, पकड़ी और ठिकहां पंचायतों में तस्वीरों में गड़बड़ी पाई गई। ठिकहां पंचायत के बिना काम के मजदूरों की उपस्थिति दर्ज की गई। साहेबगंज प्रखंड के पहाड़पुर मनोरथ, गौड़ा और बसंतपुर चैनपुर पंचायतों में फर्जी अपलोड और गड़बड़ियां मिली। कांटी प्रखंड के दादर कोल्हुआ पंचायत में और मड़वन प्रखंड के मोहम्मदपुर खाजे पंचायत में भी गड़बड़ियां पाई गई। 

डीडीसी ने दिया कार्रवाई का आदेश 

वहीं इस सभी मजदूरों पर बड़ी कार्रवाई की गई है। डीडीसी ने इन पंचायतों के मजदूरों के मानदेय में कटौती का आदेश दिया है। डीडीसी श्रेष्ठ अनुपम ने कहा कि ऐसी लापरवाही और फर्जीवाड़ा बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिन पंचायत रोजगार सेवकों की लापरवाही सामने आई है। उनके मानदेय में 5% की कटौती की जाएगी। सभी कार्यक्रम पदाधिकारियों पर ₹1,000 का जुर्माना लगाया गया है। दोषी मेटों को चयन मुक्त किया जाएगा। ताकि भविष्य में वे किसी भी योजना में संलग्न न हो सकें।

सवाल के घेर में विभाग 

मनरेगा जैसे महत्त्वपूर्ण रोजगार कार्यक्रम में इस तरह की गड़बड़ियों ने राजस्व व ग्रामीण विकास विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि ऐसे मामलों में एफआईआर दर्ज कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसी धोखाधड़ी रोकी जा सके।