Babri Masjid : बाबरी मस्जिद पर बीजेपी और जदयू में आर पार, भाजपा ने किया विरोध तो जदयू के बड़े नेता ने निर्माण का किया समर्थन
NALANDA : पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में कथित तौर पर 'बाबरी मस्जिद' के निर्माण को लेकर शुरू हुई चर्चाओं के बीच, जनता दल यूनाइटेड (JDU) के सांसद कौशलेन्द्र कुमार ने इसका खुलकर समर्थन किया है। सोमवार को बिहारशरीफ में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि अगर मुस्लिम धर्म के लोग बंगाल में मस्जिद बनाना चाहते हैं, तो ज़रूर बननी चाहिए और इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
संवैधानिक व्यवस्था में सबको सम्मान से जीने का अधिकार
सांसद कौशलेन्द्र कुमार ने अपने समर्थन को भारत की संवैधानिक व्यवस्था से जोड़ा। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान को आजादी मिलने के बाद जो संवैधानिक व्यवस्था बनी है, उसमें सबको सम्मान से जीने का अधिकार है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और यहां संविधान सभी को अपने धर्म के प्रचार-प्रसार और उसे मानने का अधिकार देता है। इसलिए, यदि वहाँ के लोग मस्जिद बनाना चाहते हैं, तो इसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
"बाबर को देखा नहीं, सिर्फ पढ़ा है"
बाबर के नाम पर होने वाले विरोध को लेकर उन्होंने कहा कि "बाबर को हमने देखा नहीं, सिर्फ पढ़ा है।" उनके लिए महत्वपूर्ण यह है कि भारत सबसे बड़ी संवैधानिक व्यवस्था वाला देश है, जहाँ हर जाति और धर्म के लोग रहते हैं, और लोकतंत्र में सभी को अपने तरीके से इबादत करने का हक है। जब मीडिया ने उनसे सीधा सवाल किया कि 'क्या बाबरी मस्जिद बनना सही है?' तो जेडीयू सांसद ने स्पष्ट कहा, "बिल्कुल सही है, उनके लिए सही है, जरूर बनना चाहिए।"
मुर्शिदाबाद में रखी गई आधारशिला
आपको बता दें कि यह विवाद पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में सामने आया है, जहाँ हुमायूं कबीर ने कथित 'बाबरी मस्जिद' की आधारशिला रखी है। हुमायूं कबीर ने 24 नवंबर को इसका ऐलान किया था और 6 दिसंबर को मस्जिद की ईंट रखी गई। इस मामले को लेकर विवाद बढ़ने के बाद, हुमायूं कबीर को उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) से निष्कासित कर दिया गया है।
जेडीयू सांसद का बयान राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण
जेडीयू सांसद कौशलेन्द्र कुमार का यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश में धार्मिक स्थलों को लेकर राजनीतिक बहस तेज है। उनका खुला समर्थन यह दर्शाता है कि वह संवैधानिक मूल्यों और धर्मनिरपेक्षता पर जोर दे रहे हैं। उनके इस बयान ने बिहार और बंगाल दोनों की राजनीति में एक नया आयाम दे दिया है।
नालंदा से राज की रिपोर्ट