Bihar Industries: बिहार में लगेंगे 17 नए इंडस्ट्री , बिहार में हो रही है निवेश की बारिश, इन जिला के लोगों के लिए होगी रोजगार की बरसात

Bihar Industries: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार अब पिछड़ेपन की पुरानी छवि से निकलकर छोटे और मध्यम उद्योगों के लिए एक उभरता हुआ औद्योगिक राज्य बनता जा रहा है। ...

17 नए उद्योगों से बिहार के बेरोजगारों को मिलेगा बंपर रोजगार- फोटो : social Media

Bihar Industries: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार अब पिछड़ेपन की पुरानी छवि से निकलकर छोटे और मध्यम उद्योगों के लिए एक उभरता हुआ औद्योगिक राज्य बनता जा रहा है। सियासी इरादों और नीतिगत फैसलों के दम पर राज्य सरकार ने 3500 करोड़ रुपये की लागत से 17 नए औद्योगिक पार्क विकसित करने के लिए 7700 एकड़ ज़मीन अधिग्रहण को मंजूरी दी है। इस बड़े कदम से करीब 1.80 लाख करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है और लाखों युवाओं के लिए रोज़गार के नए दरवाज़े खुलने वाले हैं।

बक्सर, मुजफ्फरपुर, गया, वैशाली और बेगूसराय जैसे जिले अब बिहार के औद्योगिक नक्शे पर तेज़ी से उभर रहे हैं। खासकर मुजफ्फरपुर को उत्तर बिहार के बड़े औद्योगिक हब के तौर पर विकसित करने की तैयारी है। पारू प्रखंड में 701 एकड़ में विशाल इंडस्ट्रियल पार्क आकार ले रहा है, जिसके लिए 297 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। यहां चावल मिल, फूड पार्क और एग्रो-बेस्ड उद्योग लगेंगे, जबकि बिजली, सड़क, पानी, संचार और सुरक्षा जैसी आधुनिक सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। मोतीपुर में 800 एकड़ में बन रहा मेगा फूड पार्क भी स्नैक्स, मिठाई, नमकीन और आटा मिल जैसी इकाइयों से क्षेत्र की तस्वीर बदलने वाला है।

धार्मिक और ऐतिहासिक पहचान वाला बक्सर अब उद्योगों का नया क़िला बनने की राह पर है। नावानगर में पेप्सी और कोका-कोला के बॉटलिंग प्लांट स्थापित हो रहे हैं, जिनमें करीब 1658 करोड़ रुपये का निवेश होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे बिहार के औद्योगिक विकास का मज़बूत स्तंभ बताया है। साथ ही इथेनॉल आधारित उद्योगों से स्थानीय युवाओं को रोज़गार मिलेगा।

दक्षिण बिहार में गया (1700 एकड़) और उत्तर बिहार में वैशाली (1100 एकड़) बड़े औद्योगिक प्रांगण के रूप में विकसित हो रहे हैं। बेगूसराय में 550 करोड़ रुपये की लागत से पेप्सी का बॉटलिंग प्लांट आम और लीची किसानों के लिए भी फायदेमंद साबित होगा।

आंकड़े बताते हैं कि बिहार का औद्योगिक परिदृश्य पूरी तरह बदल चुका है। 2005 में जहां 46 औद्योगिक क्षेत्र थे, वहीं 2025 तक इनकी संख्या 94 हो गई है। निर्यात 25 करोड़ से बढ़कर 17 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। सरकार का लक्ष्य बिहार को देश के टॉप-5 निवेशक राज्यों में शामिल करना है। आने वाले वर्षों में मेगा फूड पार्क, इंडस्ट्रियल पार्क और एमएसएमई पार्क के ज़रिए हर जिले को औद्योगिक पहचान देने की तैयारी है—जो बिहार को विकास की नई मंज़िल तक ले जाने का पैग़ाम है।