Bihar News : बिहार में मुख्यमंत्री पोशाक योजना पर अबतक खर्च हुए 2412 करोड़ रूपये, 2 करोड़ छात्राओं को मिला योजना का लाभ, बेटियों के साक्षरता दर में हुई बढ़ोतरी
Bihar News : बिहार में मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना पर अबतक 2412 करोड़ रुपय्ये खर्च किये गए हैं. वहीँ इस योजना का लाभ 2 करोड़ छात्राओं को मिल चुका है.....पढ़िए आगे
PATNA : बिहार की बेटियों के लिए शिक्षा अब सिर्फ सपना नहीं, हक़ बन चुका है। इसके पीछे एक बड़ी वजह बनी है मुख्यमंत्री पोशाक योजना। जिसने 14 वर्षों में न सिर्फ छात्राओं की संख्या बढ़ाई, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास और गरिमा भी दी। 2011 से शुरू हुई इस योजना के तहत अब तक करीब 1 करोड़ 94 लाख 55 हजार 264 छात्राओं को पोशाक के लिए राशि दी जा चुकी है, जिस पर सरकार ने कुल ₹2412.47 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
बढ़ी राशि ने बढ़ाया आत्मविश्वास
साल 2018-19 में योजना की राशि ₹1000 से बढ़ाकर ₹1500 कर दी गई, जिससे छात्राओं की स्कूल में उपस्थिति और आत्मसम्मान में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2025-26 में एक करोड़ से अधिक छात्राओं को अप्रैल माह में ही पोशाक की राशि डीबीटी के जरिए भेज दी गई। इसके लिए सरकार ने ₹710 करोड़ रुपये की व्यवस्था की थी। जो अपने आप में एक नया रिकॉर्ड है।
शिक्षा बजट में जबरदस्त वृद्धि
वर्ष 2005 में शिक्षा विभाग का बजट जहां ₹4400 करोड़ था, वहीं अब यह बढ़कर ₹60,000 करोड़ से अधिक हो चुका है। इसमें पोशाक और साइकिल योजना जैसे प्रोत्साहन कार्यक्रम प्रमुख हैं। राज्य का राजकोषीय घाटा भी 2020-21 के 9.2 फीसद से घटकर 2023-24 में लगभग 3 फीसद पर आ गया है। जिससे स्पष्ट है कि सरकार वित्तीय अनुशासन और शिक्षा निवेश, दोनों में संतुलन बनाए हुए हैं।
असर दिखा, बेटियों की भागीदारी बढ़ी
इन योजनाओं का सीधा असर राज्य की साक्षरता दर, खासकर बालिका शिक्षा में अभूतपूर्व वृद्धि के रूप में सामने आया है। सरकारी और स्वतंत्र रिपोर्टों में यह स्पष्ट हुआ है कि विद्यालयों में लड़कियों की उपस्थिति और नामांकन दर दोनों में उल्लेखनीय उछाल आया है।
पोशाक सिर्फ कपड़ा नहीं, बदलाव की प्रतीक है
मुख्यमंत्री पोशाक योजना अब केवल वित्तीय सहायता नहीं रहीं, बल्कि यह बिहार की बेटियों के सपनों को उड़ान देने वाली योजनाएं बन चुकी हैं। बिहार के सरकारी स्कूल के बच्चे अब स्कूल ड्रेस की वजह से स्कूल से वंचित नहीं रह जातीं हैं। पोशाक योजना नीतीश सरकार के ‘सशक्त बेटी, शिक्षित बिहार’ के संकल्प को पूरा कर रही हैं।